बलिया के बसंतपुर ग्रामसभा में विश्वविद्यालय के लिए आवश्यक विभिन्न भवनों के निर्माण पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रोक लगा दी है। एनजीटी का कहना है कि ये निर्माण जयप्रकाश नारायण पक्षी विहार सुरहाताल के बफर जोन ईको सेंसिटिव में आता है जो कि पर्यावरण के खिलाफ है।
इसके साथ ही सुरहाताल को बर्ड सेंचुरी घोषित करने को लेकर भी याचिका लगा गई है। इस बीच सुरहा के तट पर बसे ग्राम सभाओं के किसान अपनी खेतिहर जमीन को लेकर चिंतित हैं। उनका कहना है कि इन्हीं जमीन से उनका जीवनयापन चलता है। अगर ये भी छीन गया तो वे कहीं के नहीं रहेंगे।
एनजीटी के इस निर्णय से किसानों में काफी रोष है तथा उनके सामने रोजी रोटी का भी संकट उत्पन्न हो गया है। किसानों का कहना है कि शासन-प्रशासन भी इस गंभीर मुद्दे पर मौन साधे हुए है। जिससे उनकी चिंता को बल मिल रहा है। इसी क्रम में सुरहा के पास बसे गांवों के प्रतिनिधियों ने बसंतपुर मठिया पर बैठक किया और अपनी जमीन को बचाने के लिए हर मोर्चे पर लड़ने का खाका तैयार किया।
बैठक में तय हुआ कि किसान सोमवार को जिलाधिकारी से मिलकर सरकार और मुख्यमंत्री के नाम एक पत्रक देंगे और अपील करेंगे की सरकार इस मामले में दखल दे एवं किसानों के हित मे एनजीटी का निर्णय वापस ले। अगर इसके बाद भी किसानों की बात नहीं सुनी जाएगी तो सुरहा के तट पर बसे किसान आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस बैठक में मुख्य बसंतपुर, श्रीपुर, बसदेवपुर, फुलवरिया, राजपूर, डुमरी, मैरीटार, सलेमपुर और सराया के किसान प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक महंत नित्यानंद मिश्र के अध्यक्षता में सम्पन हुई ।
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