बलिया में स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था की वजह से एक बुजुर्ग महिला की जान चली गई। जहां स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलने वाली एक शर्मनाक घटना सामने आई है। इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग के सभी दावों की हकीकत को उजागर कर दिया। बुजुर्ग दंपति को लचर स्वास्थ्य विभाग का सामना करना पड़ा। और बुजुर्ग की मौत तक हो गई। यहां तक कि लाश के लिए वाहन नहीं मिला।
जहां एक लाचार बुजुर्ग पति को बीमार पत्नी को 3 किमी दूर ठेले से इलाज के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा। और जब वह अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टर्स ने रेफर कर दिया जिसके बाद बुजुर्ग ने पैसों का इंतजाम कर टेम्पो से जिला अस्पताल पहुंचाया। इतना सबके बावजूद पत्नी की जान नहीं बचा पाया। हद तो तब हो गई जब लाश को जिला अस्पताल से घर ले जाने के लिए भी एम्बुलेंस नहीं मिली तो 11 सौ रुपये किराया देकर निजी एम्बुलेंस से पत्नी की लाश लेकर घर लौट सका।
लेकिन सदर अस्पताल में इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। सुकुल के मुताबिक रात करीब 12 बजे मौत के बाद लाश ले जाने के लिए अस्पताल वालों से एम्बुलेंस मांगा तो उन्होंने रात में वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होने की बात बताई। लाचार होकर 11 सौ रुपये में निजी एम्बुलेंस किराए पर तय किया और लाश को लेकर पहुंचे।
वहीं यह मामला ट्वीट के जरिये शासन तक पहुंचा है। इसकी जांच का निर्देश भी जारी हो चुका है। सीएमओ डा. नीरज पांडे का कहना है कि जानकारी होने पर पता कराया गया तो चिलकहर पीएचसी पर ठेले से किसी मरीज के पहुंचने की जानकारी नहीं मिली। अस्पताल से एम्बुलेंस नहीं मिलने की किसी ने शिकायत नहीं की है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। मामले में किसी के भी दोषी निकलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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