सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि मुन्ना बजरंगी की जेल में हुई हत्या सरकार ने करवाई है। अखिलेश से प्रेस कांफ्रेंस में जब यह पूछा गया कि मुन्ना बजरंगी की हत्या पर राज्यपाल ने सरकार को पत्र क्यों नहीं लिखा, जबकि उनकी सरकार में राज्यपाल कानून-व्यवस्था पर पत्र लिखते थे। इस पर अखिलेश ने कहा कि राज्यपाल से उनके अच्छे संबंध हैं लेकिन राज्यपाल जानते हैं कि मुन्ना बजरंगी की हत्या सरकार ने करवाई। इसलिए वह चुप हैं। अखिलेश ने कहा कि वह जल्द राज्यपाल से मिलने जाएंगे और उन्हें बताएंगे।
हाल ही में कुख्यात अपराधी मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। अखिलेश इसके बाद भी कानून व्यवस्था का सवाल उठाते हुए कहा कि इस समय प्रदेश में पूरी तरह अराजकता की स्थिति है। जनता में इतना भय कभी पैदा नहीं हुआ जो इस सरकार में इस वक्त है। प्रदेश में न कानून है न व्यवस्था है..।
मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद सुनील राठी का खौफ पुलिस वालों भी दिखाई देने लगा है। शनिवार को जेल शिफ्ट कराने पहुंचे पुलिस कर्मियों ने बिना बुलेटप्रूफ जकैट के राठी के पास जाने से इनकार कर दिया। उनके लिए बुलेटप्रूफ जैकेट मंगवाई गई, इसके बाद ही वे सुनील राठी को बैरक से बाहर लेकर आए।
शुक्रवार को शासन ने सुनील राठी को बागपत जेल से फतेहगढ़ जेल में शिफ्ट करने का आदेश जारी किया। शनिवार को सीओ राजबीर सिंह के नेतृत्व में 19 पुलिस कर्मियों की टीम राठी को फतेहगढ़ जेल ले जाने के लिए जिला जेल पहुंची। सूत्र बताते है कि पुलिस वालों ने बिना बुलेटप्रूफ जैकेट के राठी के पास जाने से मना कर दिया। राठी जेल की तन्हाई बैरक में अकेला बंद था। उसका खौफ पुलिस वालों में इस कदर था कि बिना बुलेटप्रूफ जैकेट के वह उसके पास जाने से डर रहे थे।
पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में अब पुलिस की जांच तेज हो चली है। मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह के द्वारा आरोपी बनाए गए बसपा के पूर्व सांसद धनंजय सिंह और रिटायर्ड डिप्टी एसपी समेत अन्य प्रमुख लोगों से पुलिस पूछताछ करेगी, अभी तक पुलिस के द्वारा सौ से अधिक लोगों से पूछताछ की जा चुकी है और मोबाइल फोनों का डाटा भी पुलिस खंगाल रही है। जिससे यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि जेल से यदि फोन कॉल हुई तो वह किसे की गई हैं।