इधर बीच जहां डेटा सिक्युरिटी, साइबर सिक्युरिटी और डेटा प्राइवेसी से जुड़ी चर्चाएं गरम हैं वहीं दूसरी ओर आधार डेटा बेस में बड़े स्तर पर डेटा लीक की रिपोर्ट आ रही है. यह रिपोर्ट जानी-मानी बिज़नेस टेक्नॉलजी वेबसाइट ZDNet द्वारा जारी की गई है.
रिपोर्ट के अनुसार एक नई दिल्ली के एक सिक्युरिटी रिसर्चर करन सैनी ने पाया कि इस सिक्युरिटी ब्रीच के लिए एक सरकारी यूटिलिटी कंपनी ज़िम्मेदार है. यूटिलिटी कंपनी का अर्थ बिजली, नेचुरल गैस, या पानी जैसी सेवाएं देने वाली कंपनी. कंपनी व्यक्ति को वेरीफाई करने के लिए आधार का प्रयोग करती है. हालांकि रिपोर्ट ने कंपनी का नाम नहीं बताया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति जो यह जानता हो कि आप क्या करते हैं वो आपकी पूरी जानकारी जैसे नाम, कंज़्यूमर नंबर और यहां तक कि बैंक एकाउंट की डिटेल से जुड़ी पूरी जानकारी को डाउनलोड कर सकता है. हालांकि इस डेटा ब्रीच से डाटा बेस में स्थित डेटा पर कोई असर नहीं पड़ता.
इसका सबसे बड़ा नुकसान ये है कि इस डेटा का उपयोग साइबर क्रिमिनल्स के द्वारा किया जा सकता है. आधार डेटाबेस को एक्सेस करना इसलिए असुरक्षित है क्योंकि तकनीकी रूप से आधार डेटा बेस को बिना सिक्युरिटी वेरीफिकेशन के ऐक्सेस किया जा सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि यहां असुरक्षित API (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) का प्रयोग किया जा रहा है. API का प्रयोग कंप्यूटर डेवेलेपर्स किसी दूसरे ऐप्लीकेशन की कार्यविधि, सिस्टम व डाटाबेस की जानकारी के लिए करते
रिपोर्ट का सबसे महत्त्वपूर्ण हिस्सा यह है कि कैसे ZDNet ने एक महीने से अधिक समय तक इस मामले में बात करने के लिए भारतीय अधिकारियों तक पहुंचने का प्रयास किया. लेकिन उनकी तरफ से कोई भी जवाब नहीं दिया गया. बाद में रिपोर्टर्स ने न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास से संपर्क किया और उन्हें इसके बारे में जानकारी दी. उन्होंने इन सवालों का जवाब देने के लिए लगभग दो हफ्ते का समय लिया. अभी तीसरा सप्ताह भी बीत गया है लेकिन मामले का निराकरण नहीं हुआ है. रिपोर्टर्स ने कॉन्सुलेट को स्टोरी छापने के बारे में ई-मेल किया. पर उधर से कोई जवाह नहीं मिला.
यह उस समय हो रहा है जब UIDAI के सीईओ अजय पांडेय ने सुप्रीम कोर्ट के सामने पावर प्वाइंट प्रेज़ेंटेशन के दौरान बताया था कि कैसे आधार स्कीम सुरक्षित है. यह पहली बार नहीं है जब आधार की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इसके पहले ‘द ट्रिब्यून’ ने बताया था कि किस तरह से कोई भी व्यक्ति 500 रुपये खर्च करते 10 मिनट में आधार से जुड़ी जानकारी ले सकता है. हालांकि बाद में सरकार ने इसे खारिज कर दिया था. जो सबसे खास बात है वो ये इस समय सुप्रीम कोर्ट में आधार स्कीम की वैधानिकता पर केस चल रहा है.
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