बैरिया डेस्क : बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह और बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के बीच छिड़ी ज़ुबानी जंग में समाजवादी नेता भी कूद पड़े हैं। समाजवादी पार्टी के नेता एवं बैरिया से पूर्व विधायक जयप्रकाश अंचल ने सुरेंद्र सिंह का समर्थन करते हुए वीरेंद्र सिंह पर निशाना साधा है।
बलिया खबर को दिए इंटरव्यू में जयप्रकाश अंचल ने आरोप लगाते हुए कहा कि वीरेंद्र सिंह ने अपने मातहतों को फायदा पहुंचाने के लिए बाबा सुदिष्ट के नाम से लगने वाले पशु मेले की सरकारी ज़मीन पर डाका डालने का काम किया है।
जो एक सांसद को शोभा नहीं देता, ये बेहद निंदनीय है। उन्होंने कहा कि सुरेंद्र सिंह ने इस डाके के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई है और वो इसपर विधायक के साथ हैं। सपा नेता ने कहा कि जिस ज़मीन पर वीरेंद्र सिंह के मातहतों ने कब्ज़ा किया है उस ज़मीन पर सैकड़ों सालों से बाबा सुदिष्ट के नाम पर पशु मेला लगता था।
इस मेले में प्रदेश और प्रदेश के बाहर के पशुओं की ख़रीद फरोख्त होती है। इस तरह से वीरेंद्र सिंह ने बलिया की ऐतिहासिक धरोहर से छेड़छाड़ करने की कोशिश की है, जो बेहद निंदनीय है। जयप्रकाश अंचल ने कहा कि वो विधायक की तमाम बातों से इत्तेफ़ाक़ नहीं रखते, लेकिन मेले की ज़मीन को लेकर जिस तरह से उन्होंने वीरेंद्र सिंह के खिलाफ आंदोलन छेड़ा है, इसमें वो सुरेंद्र सिंह के साथ हैं। उन्होंने कहा कि मेले की ज़मीन सरकारी ज़मीन है, जिसपर फर्जी तरीके से कुछ लोगों ने अपना नाम लिखवा लिया है।
उन्होंने बताया कि सदियों पुराने मेले की ज़मीन तकरीबन 51 एकड़ थी, जिसपर बाद में कुछ हिस्सों पर आबादी बस गई और कुछ को संसद के लोगों ने राजस्व विभाग से मिलकर औने पौने दामों में अपने नाम करा लिया। इस तरह सांसद के लोगों ने 25 बीघा ज़मीन को हड़पने का काम किया है, साथ ही इन लोगों की नजर बाकी बची ज़मीन पर भी है।
बता दें कि वीरेंद्र सिंह के भांजे विनय सिंह ने अपनी कंपनी के लिए इब्राहिमाबाद में एक ज़मीन खरीदी थी। इसी ज़मीन को लेकर दावा किया जा रहा है कि ये पशु मेले की ज़मीन है, जिसपर विनय सिंह ने अपने सांसद मामा की मदद से गैर कानूनी कब्ज़ा कर लिया। वीरेंद्र सिंह पर ये आरोप उनकी ही पार्टी के विधायक सुरेंद्र सिंह ने लगाए हैं।
वो इस मामले को लेकर लगातार सांसद पर हमलावर हैं। हालांकि विनय सिंह ने विधायक के तमाम आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि सुरेंद्र सिंह राजनैतिक द्वेष में इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। जबकि मामा वीरेंद्र सिंह का इस ज़मीन से कोई लेना देना नहीं है। विनय का कहना है उन्होंने मेले की नहीं बल्कि मेले के आसपास की ज़मीन राजस्व देकर किसानों से खरीदी है।
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