बलिया डेस्क: अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद बलिया में मुस्लिम समुदाय के इल्मियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।मौलाना से लेकर हाफिज और हाजियों ने एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट के फैसले का तहे दिल से इस्तकबाल किया। वहीं उन्होंने फ़ैसले पर सवाल उठाते हुए यह भी कहा है कि जब जमीन हमारी नहीं है तो पांच एकड़ जमीन किस बात की दी जा रही है।
उन्होंने साफ़ कहा है कि खैरातऔर बंजर जमीन में मस्जिद की तामीर नहीं होती है। मौलाना मुहम्मद नसीम खां ने बताया कि मुस्लिम पांच एकड़ जमीन के लिए मोहताज नहीं है। उन्होंने आग कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम सम्मान करते हैं। फिर भी फैसला टाइटल सूट का होना था, अगर हमारा हक जमीन पर नहीं था तो हमें किसलिए पांच एकड़ जमीन दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि मस्जिद अगर बनानी है तो लीगल तरीके से जमीन खरीदकर उस जमीन पर मस्जिद की तामीर कराने के लिए मुसलमान खुद सक्षम है। हमें खैरात की पांच एकड़ जमीन नहीं चाहिए।इसके अलावा हाफिज अख्तर रजा बलियावी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हम सम्मान करते हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट को यह मालूम होना चाहिए कि खैरात की जमीन में कभी मस्जिद की तामीर नहीं कराई जा सकती है।
मुसलमान समुदाय के लोग इबादत के लिए जमीन खरीदकर मस्जिद बनाने में सक्षम है।हाजी कमरूद्दीन खां का कहना है कि हम अपने अल्लाह के लिए जमीन खरीदकर मस्जिद की तामीर कराने में सक्षम है। हमें किसी की खैरात की जरूरत नहीं है।
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