उत्तर प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और उनकी पत्नी सिंह अलग हो गए हैं। शादी के 22 साल बाद दोनों ने तलाक ले लिया है। अदालत ने दोनों के तलाक पर मुहर लगा दी है।
पिछले कई सालों से दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह के बीच में मनमुटाव चल रहा था। दोनों अलग-अलग रह रहे थे। साल 2012 में परिवारिक विवाद की वजह से दोनों के बीच दूरियां काफी ज्यादा बढ़ गई थी। स्वाति सिंह ने पारिवारिक विवाद की वजह से 2012 में दयाशंकर सिंह से तलाक के लिए लखनऊ में पारिवारिक न्यायालय में मुकदमा दाखिल किया था।
इसके बाद अदालत ने तलाक पर मुहर लगा दी। स्वाति सिंह योगी 1.0 में मंत्री भी रह चुकी हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रमों के दौरान दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह करीब आए और शादी के बंधन में बंध गए। दयाशंकर सिंह और स्वाति के दो बच्चे (एक बेटा और एक बेटी) हैं। दोनों स्वाति के साथ रहते हैं।
2017 विधानसभा चुनाव से पहले दयाशंकर सिंह द्वारा बसपा सुप्रीमो मायावती पर की गई विवादित टिप्पणी के बाद जब दयाशंकर सिंह के परिवार को भी इस विवाद में घसीटा गया तो स्वाति सिंह बसपा नेताओं के खिलाफ मुखर हुई और चर्चा में आई।
इसके बाद उन्हें लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से भाजपा ने टिकट दिया और वह विधायक निर्वाचित हुईं। हालांकि 2022 में स्वाति सिंह का टिकट काट दिया गया और दयाशंकर सिंह बलिया सदर से भाजपा के टिकट पर विधायक निर्वाचित होने के बाद वर्तमान में परिवहन मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
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