सुप्रीम कोर्ट ने अतुल राय को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है. आदेश के मुताबिक बसपा-सपा महागठबंधन के प्रत्याशी बाहुबली अतुल राय को अब सरेन्डर करना होगा.
बता दें कि यूपी में गठबंधन उम्मीदवार अतुल राय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर 23 मई तक गिरफ्तारी पर रोक की मांग की थी. लेकिन कोर्ट ने अतुल राय की याचिका खारिज कर दी है.
कौन हैं अतुल राय?
- बसपा नेता अतुल राय उत्तर प्रदेश की घोसी लोकसभा सीट से गठबंधन के प्रत्याशी हैं.
- अतुल राय पर अप्रैल में वाराणसी की एक छात्रा ने बलात्काार का आरोप लगाया था. छात्रा का कहना था कि वह अपनी पत्नीा से मिलने के बहाने उसे घर ले गए और फिर उसका यौन शोषण किया. मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही वे फरार हैं.
- अतुल राय ने रेप मामले में अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उन्हें वहां से कोई राहत नहीं मिली.
- कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी पर स्टे देने से इनकार कर दिया. कोर्ट मामले की गंभीरता को देखते हुए अतुल राय की गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी कर चुका है. लेकिन अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, वो भूमिगत हैं.
- गठबंधन प्रत्याशी का मुकाबला घोसी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी हरि नारायण राजभर से है.
- यूपी की घोसी सीट पर ऐसा पहली बार नहीं, जब कोई उम्मीादवार चुनाव प्रचार से गायब रहकर दावेदारी पेश कर रहा हो. 1996 में पूर्व केंद्रीय मंत्री कल्प नाथ राय यहां से निर्दलीय चुनाव लड़े थे.
- सपा-बसपा गठबंधन के समर्थक अतुल राय की जीत का दावा कर रहा है. समर्थकों का कहना है कि अतुल की गैर-मौजूदगी का असर उसके वोट बैंक पर नहीं पड़ने वाला है.
- अतुल राय गाजीपुर जिले के भांवरकोल थानाक्षेत्र के वीरपुर गांव के रहने वाले हैं. वह एक बड़े किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. इनके गांव के प्रधान का पद लगातार 20 साल इन्हीं के परिवार के पास रहा है. सीट सुरक्षित होने पर राय के समर्थक प्रधान बने.
- अतुल राय अंसारी (मुख्तार-अफजाल) परिवार के करीबी बताए जाते हैं. अंसारी परिवार के साथ इनकी राजनीति पारी की शुरुआत हुई थी.
- 2017 चुनाव के पहले इन्होंने BSP जॉइन किया और जमानियां विधानसभा से इन्हें विधायकी का टिकट मिल गया. हालांकि चुनाव में वो दूसरे नंबर पर रहे और BJP ने जीएत हासिल की.