इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलिया पुलिस अधीक्षक समेत कई पुलिसअधिकारियों को तलब किया है। डिक्री निष्पादन के बिना मकान से बेदखल कराने के मामले में पुलिस की कार्यशैली पर कोर्ट ने नाराजगी जताई है। साथ ही पुलिस अधिकारियों को तलब करते हुए व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए हैं।
न्यायमूरति सलिल कुमार राय ने आदेश जारी करते हुए पुलिस की कार्रवाई को गलत माना है। जानकारी के मुताबिक सत्र न्यायालय बलिया ने मकान खाली कराने और बकाए किराए की वसूली के मामले में अपीलार्थी के खिलाफ आदेश पारित किया था।
इसके बाद पुलिस बल की सहायता से याची को कोर्ट में द्वितीय अपील दाखिल करने से पहले ही बेदखल कर दिया और मकान को गिरा दिया। इस मामले में मोहम्मद सईद व अन्य ने कोर्ट में याचिका दाखिल की। याचिकाकर्ता ने कहा कि कोर्ट द्वारा पारित डिक्री के बाद कोई निष्पादन मामला दर्ज नहीं किया गया था और किसी भी निष्पादन अदालत द्वारा अपीलकर्ताओं को वाद संपत्ति से बेदखल करने के लिए कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई थी। बावजूद इसके उन्हें बेदखल कर दिया गया और मकान को तोड़ दिया गया।
इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए तीखी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि पुलिस बल राज्य की एक कानून प्रवर्तन एजेंसी है। जिसके पास नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने का कर्तव्य है। अगर कानून प्रवर्तन एजेंसी स्वयं अवैध कार्य करती है या किसी व्यक्ति को उसकी अवैध गतिविधि में सहायता करती है तो ऐसी कार्रवाई मनमाना और अवैध है। ऐसे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। मामले में पुलिस अधीक्षक बलिया व मामले से जुड़े सभी पुलिस अधिकारियों को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए हैं।
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