बलिया– देश की सबसे बड़ी न्यूज़ एजेंसी ANI ने 29 तारीख की सुबह 12 बज कर 7 मिनट पर एक ट्वीट किया ट्वीट बलिया के एक स्कूल को लेकर था. ट्वीट के मुताबिक़ रामपुर गांव में इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल नंबर 1. में मिड डे मिल के भोजन के दौरान जातिगत भेदभाव हो रहा है. ट्वीट के मुताबिक स्कूल कुछ विद्यार्थी मिड-डे मील के लिए अपने घर से खाने के बर्तन लाते है और SC/ST एवं दलित विद्यार्थियों के साथ नहीं खाना खा कर अलग बैठ कर खाना खाते है. वहीँ एक विद्यार्थी का कहना है कि स्कूल के अंदर जो प्लेट उपलब्ध है उनमे कोई भी खाना खा सकता है, इसलिए हम अपने घर से प्लेट लेकर आते है. इस ख़बर के आने के बाद देश में भूचाल मच गया. नेताओं से लेकर सोशल मीडिया भी इस पर ‘निंदा’ करने लगा.
मामला सामने आते ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने सुबह 9 बजकर 33 मिनट पर एक ट्वीट कर इसके खिलाफ सोशल मीडिया पर आवाज़ उठाई. और लिखा, ‘यूपी के बलिया जिले के सरकारी स्कूल में दलित छात्रों को अलग बैठाकर भोजन कराने की खबर अति-दुःखद व अति-निन्दनीय. बीएसपी की मांग है कि ऐसे घिनौने जातिवादी भेदभाव के दोषियों के खिलाफ राज्य सरकार तुरन्त सख्त कानूनी कार्रवाई करे, ताकि दूसरों को इससे सबक मिले व इसकी पुनरावृति न हो.’
अब जाहिर है जब नेता से लेकर प्रसाशन इस खबर को लेकर आवाक है तो जिस स्कूल में ये घटना हुई है वहां तो बस पूछिए मत, तो फिर क्या स्कूल के प्रिंसिपल पुरुषोत्तम गुप्ता ने भी बयान दे डाला, प्रिंसिपल ने कहा, ‘हम बच्चों से कहते हैं कि वो साथ में बैठकर खाना खाए, लेकिन हम लोग जैसे ही वहां से हटते हैं, बच्चे अलग बैठ जाते हैं. हमें लगता है कि शायद बच्चे ये सबकुछ अपने घर से सीख रहे हैं. हमने बच्चों को कई बार ये सिखाने की कोशिश की है कि वो सब एक हैं. एक बराबर हैं, लेकिन सामान्य वर्ग और ओबीसी बच्चे SC/ST बच्चों से दूर ही रहते हैं. साथ बैठते ही नहीं हैं. बच्चे साथ में रहना ही नहीं चाहते. दूरी बना लेते हैं. पता नहीं चाहे घर से संस्कार मिला हो, चाहे कुछ हो, बच्चे भेदभाव को खत्म नहीं कर रहे. दलित बच्चों की थाली में खाना नहीं चाहते.’
अब जब पुरे देश को खबर पता चल गई तो महज कुछ ही दुरी पर बैठे जिलाधिकारी भी चल पड़े मुआयना करने. भवानी सिंह 29 अगस्त को रामपुर के प्राइमरी स्कूल नंबर 1 पहुचे वहां उन्होंने पाया कि भेदभाव वाली खबर पूरी तरह से झूठी है और कहा कि स्कूल में ज्यादा बच्चे तो SC/ST वर्ग के ही हैं. वहां भेदभाव नहीं होता है. जिलाधिकारी के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट भी किया गया जिसमें लिखा, ” नगर शिक्षाक्षेत्र के रामपुर नम्बर-1 विद्यालय पर एमडीएम में जातिगत भेदभाव का मामला संज्ञान में आने पर तत्काल विद्यालय पर पहुंचकर जांच की। प्रधानाध्यापक व बच्चों से बातचीत की। जांच में यह शिकायत पूरी तरह निराधार निकली। सभी बच्चों ने इस बात को गलत बताया”
वहीँ स्कूल में मामले की जांच करने के बाद जिलाधिकारी वहां पहले से मौजूद दलित नेताओं की घडी और जूतों के कीमत की भी जांच करने लग गए. ये हम नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर वायरल विडियो कह रहा है.
अब आते हैं वायरल विडियो पर – जिलाधिकारी भवानी सिंह के स्कूल पर दौरा करने के दौरान का एक विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें वहां खड़े बसपा के नेताओं की तरफ इशारा करके डीएम भवानी सिंह कहते हैं, ” देखिये 25 लाख की गाड़ी में घुमने वाले आज यहाँ आये हैं राजनीति करने. मुझे सुबह सुचना… मुझे कल सुचना मिली थी आप लोगों के माध्यम से और मैंने आप लोगों को जांच का आश्वासन दिया था …क्लीन हैंड्स जो सत्यता होगी वो मैं मालूम करूँगा” आगे डीएम साहेब कहते हैं ” आज सुबह साढ़े आठ बजे से मेरे पास फ़ोन आ रहे हैं पत्रकारों के माननीयों के मेरे अधिकारीयों के, वहीँ डीएम भवानी सिंह विडियो में ये एहसास कराते हुए भी दिखते हैं, वो कहते हैं सांसदों और विधायकों की मीटिंग को छोड़कर जनपद का जिलाधिकारी जांच करने आया है.
और जब आया है तो क्या देखता है 25 लाख की गाड़ी में सफेदपोश….फिर डीएम सामने खड़े दलित नेता के पैर के निचे देखते हैं और पूछते हैं ” जुते की क़ीमत क्या है भाई साहेब, इस जूते की कीमत क्या है बताइए, वहीँ सामने खड़े नेता कहते हैं ये गलत आरोप लगा रहे हैं डीएम साहेब. डीएम भवानी सिंह वहीँ नहीं रुके, वो तुरंत नेता के हाथों की और इशारा करते हुए पूछते हैं “इस घडी की कीमत क्या है, फिर सामने खड़े नेता कहते हैं डीएम साहेब आप गलत आरोप लगा रहे हैं, डीएम भवानी सिंह अब नेता के कंधो पर हाथ रखते हैं और कहते हैं मुद्दे पर बात अन्दर होगी मैं आप के साथ बहस करूँगा, सत्यता क्या है हम लोग मिल कर पता लगायेंगे , वहीँ विडियो में देखा जा सकता हैं बसपा के नेता हाथ जोड़ते हुए कहते हैं डीएम साहेब आप जांच करा लें बस हम यही मांग करने आये थे.
विडियो में दिख रहे दलित नेता मदन राम बसपा के जोनल इंचार्ज हैं. उन्होंने बलिया खबर से फ़ोन पर बात करते हुए बताया, “पार्टी कार्यालय से आदेश मिलने के बाद हम लोग अपने जिला अध्यक्ष के साथ स्कूल पहुचे और वहां बच्चों और टीचरों से बातचीत की. इसी बीच स्कूल के बाहर निकलते ही डीएम साहेब दिख गए और बिना कुछ कहे ही 25 लाख की गाड़ी जूतों की ओर इशारा करते हुए उसकी कीमत पूछने लगे. डीएम के इस व्यवहार पर मदनराम ने आपत्ति जताई है.
उन्होंने कहा “ हीन भावना से ग्रसित होकर मानसिक उत्पीड़न की भावना से अलग बैठा कर बच्चों को खाना खिलाया जाता है कि सूचना व शिकायत की जांच के लिए अनुरोध करने पर जिलाधिकारी भड़क जाते और धमकी देने लगे और जांच की बात को खारिज कर दिया जाता है. क्या दलितों पिछड़ों गरीबों व अल्पसंख्यकों के लिए न्याय की मांग करना गलत है. जिलाधिकारी का व्यवहार देखिए जब D M की मानसिकता ऐसी है तो फिर गरीबों को न्याय कैसे मिलेगा ये सोचने वाली बात है. बसपा नेता ने डीएम के आचरण पर भी सवाल उठाया. कहा कि जो भी कुछ जिलाधिकारी ने वहां किया वह उनकी गरिमा के विपरीत है. दलित नेता के गाड़ी-कपड़ा पर टिप्पणी करना उनकी मानसिकता का प्रमाण है. बसपा नेताओं ने प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है“.
आपको बता दें कि बलिया से इस तरह की खबर पहले भी सामने आ चुकी है. बलिया के बेल्थरा रोड के चौकिया के स्कूल से इस तरह का मामला सामने आया था. कहा गया था कि यहां के स्कूल में मुस्लिम बच्चों को पत्तल में खाना परोसा गया था. जबकि बाकी बच्चों को थाली में खाना मिला था. वीडियो भी वायरल हुआ था. खंड शिक्षाधिकारी निर्भय नारायण सिंह को सफाई भी देनी पड़ी थी. कहा था कि बच्चों ने अपने मन से पत्तल में खाना खाया था.
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