बलिया। नगर पालिका परिषद बलिया के अध्यक्ष पद पर चुनाव में हार का सामना करने वाले पूर्व चेयरमैन संजय उपाध्याय ने नव निर्वाचित चेयरमैन संत कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने संत कुमार पर 2017 के 419, 420 के मुक़दमे का जिक्र न करके तथ्यों को छुपाने आरोप लगाया है। साथ ही जिला कोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल करते हुए चुनाव निरस्त कर उन्हें विजेता बनाने की मांग की है।
संजय उपाध्याय ने कहा है कि नव निर्वाचित चेयरमैन संत कुमार, जो जमीन की खरीद फरोख्त का कारोबार भी करते है उन्होंने अपनी कई संपत्तियों को भी बयान हल्फी में नहीं दर्शाया है, जो प्रशासन को गुमराह करने का अपराध है। इस कारण से इनको अयोग्य घोषित करते हुए मुझे विजेता घोषित किया जाय। उपाध्याय ने जिलाधिकारी बलिया, मंडलायुक्त आजमगढ़ और प्रमुख सचिव नगर विकास उत्तर प्रदेश को भी शिकायती पत्र भेजकर 27 मई 2023 को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह को रोकने की मांग की है।
क्या है मामला- बता दें, नव निर्वाचित चेयरमैन बलिया संत कुमार मिठाई लाल एक दवा व्यवसायी हैं। अमृतपाली मौजे में मिठाई लाल ने एक व्यक्ति से सवा 10 डिसमिल जमीन खरीद कर उसमें से 10 डिसमिल जमीन को बेचा था। इसी भूखंड के पहले स्वामी के सह खातेदार ने मिठाई लाल समेत जमीन बेचने वाले और मिठाई लाल से जमीन खरीदने वाले समेत कुल 5 लोगों पर सीजेएम बलिया कोर्ट में इस्तगासा द्वारा मुकदमा संख्या 717/2017 419,420 धोखाधड़ी का दर्ज कराया है। यह दो भाइयों के बीच जमीनी विवाद है।
साथ ही जानकारी मिली है कि इसी भूखंड पर माननीय न्यायालय सिविल जज (पूर्वी) के यहां सुरेन्द्र बनाम रामायण आदि का एक मुकदमा चल रहा है। फ़ौजदारी मुकदमा सुरेन्द्र ने ही दाखिल किया है। फ़ौजदारी मुक़दमे में नोटिस मिलने के बाद मिठाई लाल ने हाजिर होकर अपना पक्ष रखा, जिसके बाद माननीय न्यायाधीश ने बिना कारागार भेजे ही जमानत पर मिठाई लाल को छोड़ दिया। हालांकि यह शिकायती मुकदमा है और इससे संबंधित कोई भी न तो FIR, ना ही NCR किसी थाने में दर्ज है, न ही इस मुक़दमे में अब तक आरोप का निर्धारण हुआ है अभी मुकदमा विचाराधीन है। इसी मुक़दमे को बयान हल्फी में छुपाने का उपाध्याय आरोप लगा रहे हैं।
नोटिस मिलने पर देंगे जवाब- वहीं संत कुमार मिठाई लाल के वकील मृत्युंजय कुमार पाण्डेय का कहना है कि नव निर्वाचित चेयरमैन को 5 साल परेशान करके अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए यह मुकदमा दाखिल किया गया है। कहा कि मैं अधिवक्ता हूं और किसी के बयानों को सुनने देखने के बाद नहीं बल्कि नोटिस मिलने के बाद एक एक आरोपों का जवाब दाखिल करूंगा। संत कुमार ने कोई तथ्य नहीं छुपाया। जो मुकदमा अभी विचाराधी है, जिसमें अभी तक आरोप भी तय नहीं हुआ और जो जमीन से संबंधित है, उसके आधार पर मुकदमा दाखिल करना सही नहीं है। कहा कि मुक़दमे में नोटिस मिलने के बाद जवाब दाखिल करने के साथ मानहानि का मुकदमा दाखिल करने का विकल्प भी है।
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