बलिया (सलेमपुर ) कुछ महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और समाजवादी पार्टी (एसपी) दोनों पार्टियां के बीच 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमती बनी है। लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ आने का बाद सीटों को लेकर बवाल मचा हुआ है ।
ऐसे में यह भी उम्मीद की जा रही थी पूर्वांचल की सलेमपुर लोकसभा सीट पर स्थानीय नेता को उम्मीदवार बनाया जाएगा । लेकिन इस सीट से बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा को मैदान में उतारने का फैसला मायावती ने किया है। लेकिन अभी इसकी अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है ।
आरएस कुशवाहा 2016 तक पार्टी से विधान परिषद के सदस्य थे। लखीमपुर खीरी निवासी कुशवाहा अभी तक पार्टी में प्रदेश महामंत्री थे। लेकिन मई 2018 में बसपा ने उनको प्रदेश अध्यक्ष पद से नवाज़ा था ।
ऐसे में खबर बाहर आने के बाद स्थानीय कार्यकर्ताओं में नाराजगी बताई जा रही । साथ ही कार्यकर्ताओं ने बाहरी प्रत्याशी के आने पर विरोध की चेतावनी भी दी। साथ ही सोशल मीडिया पर भी लोग कुशवाहा के ख़िलाफ़ मैदान में उतर गए हैं ।
बसपा के एक स्थानीय नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बलिया ख़बर को बताया कि हालंकि पार्टी ने अभी तक कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन अगर ऐसा होता है तो सभी मुद्दों को छोड़ कर बाहरी बनाम स्थानीय का मुद्दा जोर पकड़ सकता है जिससे की सीधा फायदा भाजपा उठा सकती है। वहीँ एक दुसरे नेता ने बताया की अब ये बात कन्फर्म हो गई है कि सपा- बसपा गठबंधन भाजपा को इस सीट से वाक ओवर देने जा रही है ।
वहीँ लोकसभा में गठबंधन सहयोगी सपा के किसी भी नेता इस मुद्दे पर बात करने से इनकार करते हुए कहा की पार्टी का आदेश हमारे लिए सर्वप्रिय है। हाईकमान जो आदेश करेगा उसी का पालन कार्यकर्ता करेंगे । वहीँ भाजपा के स्थानीय नेताओं का दावा है की यहाँ कोई भी आ जाये बीजेपी इस सीट को बड़ी आसानी से जितने जा रही है ।
सलेमपुर लोकसभा के राजनितिक जानकारों का कहना है की इस सीट के जातीय समीकरण बहुत ही खास है यहां दलित और कुशवाहा के बाद सबसे बड़ी आबादी मुसलमानों की है। यहां दलितों में कोई बड़ा चेहरा नहीं है। ऐसे में बीएसपी की तरफ़ से बाहरी नेता को लाना अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है! खास तौर से जब यहाँ स्थानीय प्रत्याशी में टिकट लेने की होड़ मची हुई है।
इस सीट पर अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जब अधिकारिक घोषण होगी तो क्या बसपा स्थानीय के बजाय बाहरी को उमीदवार बनाएगी ? जानकरी के लिए बता दें की सलेमपुर लोकसभा सीट पर इस वक्त भाजपा का कब्जा है, साल 2014 में यहां पर बीजेपी के रविन्द्र कुशवाहा ने भारी मतों से जीतकर ये सीट अपने नाम की थी।
सलेमपुर उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में 71वें नंबर की सीट है, इस संसदीय सीट के अंतर्गत यूपी की पांच विधानसभा सीटें आती हैं, जिनके नाम हैं भटपर रानी, सिकंदरपुर, सलेमपुर, बांसडीह और बेल्थारा रोड , जिसमें से सलेमपुर और बेल्थारा रोड अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।
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