बलिया। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया गया है। इस बार UPSC में लड़कियों ने बाजी मारी। पहले चारों स्थान पर लड़कियों का कब्जा है। UPSC एग्जाम में बलिया के नौजवान भी पीछे नहीं रहे। जहां बलिया 4 युवाओँ ने UPSC क्रेक कर जिले का मान बढ़ाया है। हालांकि बलिया में सफलता हासिल करने वालों युवाओं में 3 लड़के और एक लड़की है। जिन्होंने अपने जिले का मान बढ़ाया है।
बलिया के 4 हौनहार नौजवान – UPSC में बलिया के 4 युवाओं ने परचम लहराया है। बलिया के ग्राम-पाण्डेयपुर, जनाड़ी निवासी और पूर्व मंत्री आंनद स्वरूप शुक्ला के भतीजे शुभम शुक्ला ने परीक्षा में 43वी रैंक हासिल की है। शिवपुर दियर नई बस्ती के प्रमोद सिंह की पुत्री सृष्टि सिंह ने 183 वां स्थान पाया है। हजौली के सतेंद्र सिंह के पुत्र किशल्य सिंह सिसोदिया ने 383वीं रैंक प्राप्त कर जनपद का मान बढ़ाया है। और सोहांव गांव के रहने वाले पीयूष कुमार राय ने 448वीं रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है।
3 बार असफल होने पर भी डटे रहे शुभम- पूर्व मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल के भतीजे शुभम शुक्ला ने कोलकाता में रहकर सिवल सिर्विस परीक्षा की तैयारी की। इससे पहले वह 3 बार परीक्षा में शामिल हुए, लेकिन असफल रहे। बताया कि असफलता से मन टूट गया था। कोलकाता में ही एक संस्थान में पढ़ाने लगा। लेकिन चौथी बार में यह सफलता हासिल कर ली। रोज 10 घंटे तक पढ़ाई की। आज नतीजा सभी के सामने है।
सृष्टि की सफलता की कहानी- शिवपुर नई बस्ती के निवासी प्रमोद सिंह की बेटी सृष्टि सिंह ने भी 5 बार यह परीक्षा पास करने की कोशिश की, लेकिन सफलता 6वीं बार में मिली। उन्होंने बताया कि पढ़ाई में माता मीना सिंह का काफी सहयोग रहता था। पिता भारतीय रेलवे कोआपरेटिव बैंक बरेली में ब्रांच मैनेजर हैं। पढ़ाई वहीं से हुई, लेकिन आइएएस बनने का सपना तब जागा जब बीएससी कंप्यूटर साइंस एसआरएम चेन्नई से 2013 में गोल्ड मेडल प्राप्त किया। यह मेडल गुजरात के बतौर मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों मिला था। उसी दौरान पिता जी ने कहा कि कुछ बड़ा बनो। इससे भी बड़ा सम्मान पाओ। उसी दिन से मेरे अंदर आइएएस बनने की इच्छा जाग गई। लेकिन पांच बार की असफलता से मन टूटने भी लगा था, फिर भी हार नहीं मानी। अंतत: मुकाम हासिल कर लिया।
घर पर तैयारी कर किसलय ने मारा मैदान- चिलकहर के हजौली गांव के किसलय सिंह सिसोदिया बलिया के टीडी कॉलेज से ही उच्च शिक्षा ग्रहण किए। इसके बाद परिवार के लोग वाराणसी में एक मकान लेकर रहने लगे। घर पर ही उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की। पिता सत्येन्द्र सिंह वहीं पर प्राइवेट जॉब में हैं। माता रजनी सिंह घर पर रहतीं हैं। बताया कि दूसरी कोशिश में ही सफलता मिली। बड़ी बात यह कि इसके लिए मैं किसी भी कोचिंग में जाकर कोई तैयारी नहीं की। 7 से 8 घंटे पढ़ाई करता था। परिवार में अभाव था, लेकिन ध्यान को दूसरी दिशा में नहीं भटकने दिया। लक्ष्य को हासिल करने के लिए काफी मेहनत किया। अब सबकुछ ठीक हो जाएगा।
बलिया के इन 4 छात्रों का चयन होने पर पूरे जनपद में खुशी का माहौल है। छात्रों के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। उनका परिवार भी उनकी इस सफलता से काफी खुश है। बड़ी बात यह कि छात्रों को बार-बार असफलता तोड़ती रही, लेकिन उनके कदम नहीं रुके। तीन से पांच बार तक असफलता मिलने के बाद भी लक्ष्य की ओर भागते रहे। कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने सफलता हासिल की। और अब उनकी इस सफलता से पूरा बलिया गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
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