मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट पर भले ही निर्माण ने अभी रफ्तार न पकड़ी हो, लेकिन अब बुलेट ट्रेन के दूसरे कॉरिडोर को लेकर विचार-विमर्श शुरू हो गया है। बुलेट ट्रेन का दूसरा कॉरिडोर दिल्ली और वाराणसी के बीच हो सकता है। उम्मीद की जा रही है कि लोकसभा चुनाव से पहले इस प्रस्तावित कॉरिडोर का ऐलान हो सकता है। यूपी के इस कॉरिडोर की घोषणा राजनीतिक लिहाज से मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है।
इंडिया टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक , हालांकि अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन बुलेट ट्रेन के जो कॉरिडोर तैयार करने पर विचार हो रहा है, उनमें दिल्ली-वाराणसी प्रमुख है। दरअसल, सरकार को लग रहा है कि बुलेट ट्रेन के इस कॉरिडोर से नरेंद्र मोदीसरकार की विकास की छवि को और मजबूती मिलेगी और राजनीतिक लिहाज से भी बीजेपी के लिए सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले राज्य यूपी में इस घोषणा का फायदा मिल सकता है।
दिल्ली और वाराणसी के बीच की रेल से दूरी लगभग 750 किमी की है। रेलवे पहले ही इस बात की तैयारी कर रहा है कि बुलेट ट्रेन के बहुत लंबे कॉरिडोर बनाने की बजाय पांच सौ से आठ सौ किमी के कॉरिडोर बनाए जाएं। फिर उन्हें आगे जोड़ा जाए। इसका फायदा यह होगा कि इससे निर्माण कार्य में ज्यादा लंबा वक्त नहीं लगेगा और खर्च भी एक सीमा तक ही आएगा।
वाराणसी के मामले में रेलवे को लगता है कि यहां तक अगर बुलेट ट्रेन कॉरिडोर बनाया जाता है तो यूपी का एक बड़ा हिस्सा इस कॉरिडोर से जुड़ सकता है। राजनीतिक नजरिए से यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह प्रधानमंत्री का निर्वाचन क्षेत्र है। ऐसे में अगर मोदी सरकार के कार्यकाल में ही इस कॉरिडोर के निर्माण की घोषणा हो जाती है तो इसे मोदी का वाराणसी को बड़ा तोहफा माना जाएगा।
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