बलिया। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ नगर कोतवाली पुलिस ने गंगा नदी में शव मिलने वाले एक ट्वीट को लेकर केस दर्ज किया है। पुलिस ने उन्हें नोटिस जारी कर बयान दर्ज करने के लिये बुलाया है। बृहस्पतिवार को रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नियत परेशान करने की है। इस मामले की विवेचना दुबहर के एसआई कर रहे हैं। शहर कोतवाली में दर्ज मुकदमा व नोटिस भेजकर तलब किए जाने के बाद रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट किया।
बृहस्पतिवार को उन्होंने लिखा कि मैं अपने जूनियर अफसरों से काफी निराश हूं, कि उन्हें कानून तक की जानकारी नहीं है। फिलहाल खबर यह है कि उन्नाव वाले मामले में ही मेरे ऊपर 7वीं एफआईआर बलिया में भी हो चुकी है और आज बलिया पुलिस मेरे घर आकर मुझे थाने आने का नोटिस दे गई। लगता है मोस्ट वांटेड का तमगा मिलने ही वाला है।इसके बाद बृहस्पतिवार को ही सूर्य प्रताप सिंह ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि यूपी सरकार ने 7वीं एफआईआर सबसे दूर के जनपद बलिया में की है।
उन्होंने कहा, लखनऊ से बलिया की दूरी छोटे से छोटे मार्ग से भी करूं तो आने जाने में 15 से 16 घंटे लगेंगे। कहा, नियत परेशान करने की है। सवाल किया, क्या ये ही लोकतंत्र है? क्या ये ही अभिव्यक्ति की आजादी है? वहीँ उन्होंने तीसरे ट्वीट में लिखा है कि रास्ता बहुत ख़राब है, गड्ढामुक्त नहीं है। मगर ख़ुशी है कि ‘बागी बलिया’ जा रहा हूँ। 1942 में भारत का तिरंगा फहराने वाला बलिया देश का पहला जिला बना। अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने में बलिया का इतिहास स्वर्णिम है और दिल बड़ा है। ऋषि भृगु की धरती व पवित्र माँ गंगा को प्रणाम।
बताया जाता है कि रिटायर्ड आईएस अफसर अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने अपने ट्वीटर पर एक फोटो अटैच करते हुए बलिया में गंगा नदी के किनारे 67 शवों के मिलने की बात लिखी थी। इस प्रकरण के संज्ञान में आने के बाद 12 मई को नगर कोतवाल बालमुकुंद मिश्र ने सूर्यप्रताप सिंह के खिलाफ धारा 505 (सार्वजनिक शांति के विरुद्ध अपराध करने के आशय से असत्य कथन, जनश्रुति आदि परिचालित करना) तथा सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम की धारा 67 (इंटरनेट पर अश्लील समाग्री डालना) के तहत नामजद मुकदमा दर्ज कराया।
नगर कोतवाल ने तहरीर में लिखा है कि ट्वीटर पर अटैच फोटो व मैसेज को कोई सम्बंध बलिया जनपद से नहीं है। उन्होंने लिखा है कि जांच में लोगों ने बताया कि उक्त फोटो वर्ष 2014 का उन्नाव जनपद से सम्बंधित है। रिटायर आईएएस ने ट्वीटर हैंडल के जरिये आम जनता में भय उत्पन्न करने व भ्रामक सूचना देकर गुमराह किया है। इस मामले की जांच की जिम्मेदारी एसओ दुबहड़ अनिल चंद तिवारी को दी गयी। उन्होंने बयान दर्ज कराने के लिये आरोपित रिटायर आईएस सूर्यप्रताप सिंह को नोटिस भेजा है।
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