बिल्थरारोड। क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीयर में डॉक्टर द्वारा लापरवाही का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिसके बाद से क्षेत्र के लोग डॉक्टर के पास जाने से कतराने लगे है। दरअसल, अच्छेलाल चौहान (48) का आरोप है कि सीएचसी के एक डॉक्टर द्वारा एक सामान्य मरीज को टीबी की बीमारी का इलाज़ चलाया गया। अब वे मरीज गलत इलाज़ की मार झेल रहे हैं। अच्छेलाल ने बुधवार को डिप्टी सीएम, स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक से मिलकर पत्र देकर न्याय की गुहार लगाया है।
पीड़ित द्वारा पूर्व में भी मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत के बाद सम्बंधित अधिकारी द्वारा किये गए जांच में डॉक्टर द्वारा दिये गए स्पष्टीकरण के आधार पर जांच में शराब पीने के मामले में नई बात सामने आई है। जिसमें डॉ. शर्मा द्वारा अच्छेलाल चौहान को 19 जुलाई को टीबी की दवा खाने के लिए सीएचसी से दिलवाया गया, उन्होंने ने दवा खाना भी शुरू कर दिया। जब मामला प्रकाश में आया तो डॉक्टर लालचंद शर्मा ने 20 जुलाई को टीबी की पॉजिटिव होने का दावा किया। जबकि पीड़ित मरीज का कहना है कि कोई जांच डॉक्टर द्वारा नहीं कराई गई थी। ऐसे में बिना जांच कराये डॉक्टर ने टीबी की दवा कैसे चला दिया। जिससे जांच रिपोर्ट भी संदेह के घेरे में है। इस मामले में पीड़ित ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है। मामला बेल्थरारोड विधानसभा क्षेत्र के सिधौली गांव का है।
ये है पूरा मामला:
दरअसल, अच्छेलाल चौहान अपनी तबीतय खराब होने पर सीएचसी सीयर में उपचार के लिए गए। 10 मई को सीएचसी में डॉ. तनवीर ने अच्छेलाल का इलाज़ किया। उन्होंने नॉर्मल बुखार होने की बात कही और कुछ दवाई लिख दिए। अच्छेलाल चौहान बताते हैं कि डॉ. तनवीर ने एक्स-रे जांच भी कराया था। लेकिन जांच की रिपोर्ट सामान्य थी। अच्छेलाल चौहान के मुताबिक डॉ. तनवीर की दवाई पर उनकी तबीयत ठीक हो गई। लेकिन जुलाई के महीने में एक बार फिर तबीयत बिगड़ने लगी। 19 जुलाई को को दोबारा सीएचसी में दिखाने गए। लेकिन इस बार डॉ. तनवीर नहीं मिले। उनका स्थानांतरण किसी अन्य सीएचसी में कर दिया गया था। उनकी जगह बैठे डॉ. लालचंद शर्मा बैठे मिले। डॉ. लालचंद शर्मा ने अच्छेलाल चौहान बिना जांच कराये टीबी रोग होने की बात कही। जिसके बाद डॉ. लालचंद के परामर्श पर टीबी की दवाई शुरू कर दी गई।
अच्छेलाल चौहान का कहना है कि टीबी की दवाई शुरू होते ही बीमारी बिगड़ने लगी। स्वास्थ्य हर दिन ख़राब होता गया। लोगों ने स्थिति देखा तो दूसरे डॉक्टर से इलाज़ कराने की सलाह दी। जिसके बाद 28 जुलाई को मैं (मरीज) मऊ ज़िला अस्पताल में चला गया। ज़िला अस्पताल में एक बार फिर एक्स-रे कराया गया। रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर ने कहा कि मुझे टीबी नहीं है। बल्कि सामान्य कमजोरी है। टीबी की दवाई तत्काल प्रभाव से बंद की गई। अच्छेलाल चौहान ने बताया कि मऊ ज़िला अस्पताल में जो दवाई दिए गए उन्हें खाना शुरू किया कुछ ही दिन में तबीयत ठीक हो गया।”
अच्छेलाल चौहान ने कहा कि डॉ. तनवीर ने एक्स-रे रिपोर्ट के आधार पर सामान्य दवाई चलाया गया। किन्तु उनका स्थानांतरण हो गया। इसके बाद सीएचसी सीयर के डॉ. लालचंद शर्मा ने कमजोरी के रोगी को टीबी की दवाई चला दी और स्थिति बिगड़ गई। अच्छेलाल चौहान ने सीएमओ को इस बारे में और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिखकर शिकायत की गयी और न्याय की गुहार भी लगाई।
मुख्यमंत्री कार्यालय से आये जांच के आदेश के बाद सीएमओ बलिया जयन्त कुमार द्वारा सीएचसी अधीक्षक से आख्या मांगी गई। पीड़ित अच्छेलाल का कहना है कि जांच में लीपापोती करते हुए साक्ष्य के बावजूद आरोपी डॉक्टर से ही स्पष्टीकरण लेकर डॉक्टर के पक्ष में ही रिपोर्ट लगा कर जांच आख्या भेज दिया गया।जिससे पीड़ित अच्छेलाल चौहान ने पुनः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग किया है। साथ ही वह रसड़ा में होने वाले डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक से मिलकर पत्रक देंकर न्याय की गुहार लगाया। लोगो का कहना है कि डॉक्टर लगभग 8 साल से सीएचसी सीयर पर तैनात है और छोलाछाप डॉक्टरों और पैथालॉजी के लिए जांच नोडल अधिकारी भी नामित है किन्तु आजतक जांच रिपोर्ट जांच अधिकारी और सीएमओ के बीच मे फस गया है।
मंडलायुक्त आजमगढ़ मनीष चौहान ने बलिया के पांच ग्राम पंचायतो मे उत्कृष्ट कार्य करने के…
बलिया रसड़ा मार्ग स्थित अमहर गांव में दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। यहां एक स्कॉर्पियो…
बलिया के युवा ने प्रदेश स्तर पर जिले का नाम रोशन किया है। युवा कवि…
वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 104वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। 15 मेधावी…
भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से पासिंग आउट परेड के बाद 456 युवा सेना में अफसर…
बलिया में नाबालिग के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। नाबालिग के पास में…