बलिया डेस्क : बलिया में एल वन अस्पताल खाली पड़े हुए हैं और कोरोना मरीजों को इसके बजाय राजकीय महिला महाविद्यालय भर्ती किया जा रहा है. रविवार तक महाविद्यालय में 40 मरीज़ एडमिट थे. बड़ी बात यह रही कि इस बीच बसंतपुर और फेफना के दोनों सीएचसी खाली पड़े हुए हैं.
ऐसे में समझ से बाहर है कि अस्पतालों के बजाय कोरोना मरीजों को महाविद्यालय में भर्ती क्यों किया जा रहा है. वहीँ इसकी वजह से महाविद्यालय की छात्राओं को तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. महाविद्यालय में प्रवेश लेने के लिए तमाम प्रक्रिया और औपचारिकताएं पूरी करने आई छात्राओं को सड़क के किनारे पेड़ के नीचे खड़ा होना पड़ रहा है. प्रवेश प्रक्रिया के संचालन का काम कैंपस के पास रोड पर बनी एक दुकान से किया जा रहा है.
बता दें कि आज की हेल्थ बुलेटिन 28 अगस्त को राजकीय महिला महाविद्यालय में 26 मरीज़ एडमिट थे. इसके अगले दिन 29 अगस्त को 31 मरीज़ हो गए. लेकिन इस बीच दोनों सीएचसी 29 अगस्त को भी खाली थे. विश्वविद्यालय स्तर पर स्नातक का लास्ट इयर का एग्जाम सात सितम्बर से होना है लेकिन महाविद्यालय में कोरोना मरीजों को एडमिट करने की वजह से अब छात्राओं को एग्जाम देने के लिए दूसरे केंद्र पर जाना होगा. ऐसे में उनके लिए साधन की समस्या भी है.
इस पर अब डीएम श्रीहरि प्रताप शाही का कहना है कि कोरोना मरीजों की तादाद बढ़ने की वजह से कालेज में भी 150 का एल-1 बनाया गया था. अब चूँकि होम आइसोलेशन का विकल्प भी है. इसलिए मरीज़ कम आ रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि अब जल्द ही कालेज में भर्ती मरीजों को एल-1 सेंटर में शिफ्ट किया जायेगा.
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