बलिया डेस्क: फेफना थाना क्षेत्र के आमडारी गांव में शुक्रवार की रात लॉकडाउन के चलते बेरोजगारी का दंश झेल रहे एक युवक ने फांसी लगाकर अपनी इहलीला समाप्त कर ली. शनिवार की सुबह जब घटना की जानकारी हुई तो परिजन दहाड़े मारकर रोने लगे. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अंत्यपरीक्षण के लिए भेज दिया. घटना के बाद गांव में मातम पसरा गया.
आमडारी गांव निवासी संतोष किसी प्रकार मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है, इधर बीते 25 मार्च से लॉकडाउन के चलते संतोष एकदम से बेरोजगार हो गया था, उसको कहीं भी काम नहीं मिल रहा था. जिसे लेकर आए दिन घर पर भी पैसा आदि लेकर कलह चल रहा था.
इसबीच बीती रात किसी वक्त संतोष ने पंखे में फंदा लगाकर झूल गया, रात का वक्त होने के कारण किसी को कुछ पता नहीं चला. दूसरे दिन सुबह जब उसकी पत्नी उसको जगाने गई तो कमरे के अंदर से कुछ आवाज नहीं आई, शंका हुई तो घर के अन्य सदस्यों को बुलाया. इसके बाद जब दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर का दृश्य देख सब कोई दंग रह गया.
इस दौरान सब दहाड़े मारकर रोना शुरू कर दिए. इसबीच किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दी, मौके पर पहुंची पुलिस ने संतोष को फंदे से उतारने के साथ उसके शव को अंत्य परीक्षण के लिए भेज दिया. रूदन-क्रंदन से गांव में सियापा पसरा गया.
दो बच्चे से सिर से उठा बाप का साया
गौरतलब हो कि संतोष की शादी लगभग आठ वर्ष पहले हुई थी, उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं. भले ही संतोष अपने भाइयों के साथ एक ही मकान में रहते थे, लेकिन संतोष अपना परिवार खुद ही चलाता था. ऐसे में संतोष ही उसके परिवार के लिए एकमात्र कमाऊ सदस्य था. संतोष की मौत से उसके परिवार को गहरा सदमा पहुंचने के साथ ही दो मासूमों के सिर से हमेशा के लिए बाप का साया उठ गया.
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