सऊदी अरब में मजदूरी करने वाले बलिया के सुभाष चंद्रा चौहान का पार्थिव शरीर लगभग तीन महीने बाद सोमवार को अपने घर पहुंचा। सऊदी अरब से हवाई मार्ग से सुभाष चंद्रा चौहान का शव दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लाया गया। दिल्ली से सुभाष चंद्रा का शव बलिया में सिकंदरपुर थाना क्षेत्र स्थित उनके गांव बसारिकपुर ले जाया गया। सऊदी अरब में 46 वर्षीय सुभाष चंद्रा चौहान की बीमारी के चलते मौत हो गई थी।
सुभाष चंद्रा चौहान सऊदी अरब में बतौर मजदूर काम करने गए थे। लेकिन तीन महीने पहले उनकी मौत ह्रदयाघात से हो गई। सुभाष चंद्रा चौहान की मृत्यु के तीन दिनों बाद यह खबर बलिया में रह रहे उनके परिवार तक पहुंची थी। मौत की खबर सुनकर उनके परिजन सदमे में चले गए थे। किसी को यह सूझ नहीं रहा था कि उनका शव सऊदी अरब से घर कैसे लाया जाए।
इस घटना की खबर रामगढ़ के निवासी और दिल्ली में रह रहे समाजिक कार्यकर्ता अखिलेश चौहान तक पहुंची। अखिलेश चौहान ने इस मामले के संबंध में बलिया जिलाधिकारी से संपर्क किया। बलिया जिलाधिकारी कार्यालय से सुभाष चंद्रा चौहान की पहचान होने के बाद अखिलेश चौहान ने भारत सरकार की विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी से संपर्क किया।
भारत सरकार ने सक्रियता दिखाते हुए सऊदी अरब की दूतावास से संपर्क स्थापित किया। जिसके बाद सुभाष चंद्रा चौहान से जुड़े सभी जरूरी दस्तावेज सऊदी अरब के राजनीतिक दूतावास रियाद और वाणिज्या दूतावास जेद्दाह को उपलब्ध कराए गए। जिसके बाद सुभाष चंद्रा चौहान के पार्थिव शरीर को सऊदी अरब से भारत भेजे जाने की अनुमति मिली।
हालांकि इतना होने में कुल तीन महीने का समय लग गया। आज जब सुभाष चंद्रा चौहान का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा तो पूरा परिवार दुख की सागर में डूब गया। परिजनों को किसी बात की सूध तक न थी।
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