बलियाः जिले में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। यहां सीएचसी रिगवन में डॉक्टर्स ही नहीं है। लोग फार्मासिस्ट और वार्ड ब्वाय के सहारे इलाज करवा रहे हैं। व कई मरीज इलाज न मिलने पर वापस लौट जाते हैं।
बता दें कि इस सीचएसी पर रिगवन, ककरघट्टा खास, नवागांव, मुकुन्दपुर, मानिकपुर, किशुनीपुर, मठिया सहित दर्जनों गांवों के कई लोग इलाज कराने आते हैं। औसतन 45 से 50 मरीज प्रतिदिन पहुंचते हैं। कुछ दिन पहले ही विधायक केतकी सिंह की पहल पर एक डॉक्टर व फार्मासिस्ट, वार्ड ब्वाय के साथ इस अस्पताल को चालू करवा दिया गया था।
लेकिन एक माह बाद ही डॉक्टर शहाबुद्दीन का तबादला गैर जनपद हो जाने की वजह से अस्पताल में इलाज बंद हो गया है। यहां तब से अब तक किसी भी चिकित्सक की तैनाती नहीं हुई है। इससे मरीज परेशान हैं।
ईधर सीचएसी सीयर में भी नियमित चिकित्सकों की कमी से मरीज परेशान हैं। यहां बलिया, मऊ व देवरिया जिला से लोग इलाज कराने आते हैं। लेकिन डॉक्टरों के अभाव में इलाज नहीं मिल पाता। अधीक्षक डॉ आरके सिंह ने बताया कि अस्पताल पर कुल दो ही डॉक्टर हैं। जबकि ओपीडी में रोजाना चार सौ से अधिक मरीज आते हैं। पीएचसी को उच्चीकृत कर सीएचसी का दर्जा तो दे दिया गया लेकिन सुविधाएं नहीं बढ़ीं। यहां हड्डी रोग विशेषज्ञ, बाल रोग, आंख, सर्जन आदि की कमी है। डिजिटल एक्सरे व अल्ट्रासाउंड की भी व्यवस्था नहीं है।
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