बलिया : एक तरफ केंद्र व प्रदेश सरकार महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ जनपद के बेसिक शिक्षा के उच्चाधिकारी की पत्नी ज्योति सचान आज इंसाफ पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है। पत्नी ज्योति ने बताया कि आज एक साल से पति के साथ बात नहीं हो पा रही है, पति उनका नंबर ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है। खर्चा भी नहीं दे रहे हैं।
पत्नी ज्योति सचान ने बताया कि विगत सात दिसंबर २०१५ को उनकी बेसिक शिक्षा के अधिकारी जो वर्तमान में बलिया की कमान संभाले हुए हैं, शादी हुई थी। शादी के बाद से ही उनका पति उनके साथ मारपीट करने लगे तथा दहेज में दस लाख रुपये की मांग करने लगे।
फिर भी ज्योति के घरवालों ने घर बसाने का प्रयास किया, लेकिन पति (बेसिक शिक्षा के उच्चाधिकारी) मानने को तैयार नहीं थे और अत्याचार दिन-ब-दिन बढऩे लगा। पहले तो सिर्फ पति का उत्पीडऩ सहना पड़ता था, लेकिन इसके बाद से सास, ससुर, जेठ, देवर, भांजा, भांजी सब परेशान करने लगे और इसबीच उनका पति उनको छोड़कर बलिया आ गए।
पत्नी ज्योति सचान ने बताया कि बीते एक साल उनका और उनके पति के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है तथा उनका नंबर भी पति ने ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है। ऐसे में उनको दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। बताया कि पति उनको खर्चा भी नहीं दे रहे हैं।
एक साल पहले ही दर्ज हुआ था दहेज उत्पीडऩ का मुकदमा
जब पति से संपर्क नहीं हो पाया तथा सास-ससुर ने उनको ससुराल रखने से इंकार कर दिया तो मजबूरन पत्नी ने सास, ससुर, देवर, जेठ, भांजा, भांजी के खिलाफ दहेज उत्पीडऩ का मुकदमा कायम कराया।
डीएम के कान में भी नहीं रेंग रहा जूं
पीडि़त पत्नी ज्योति सचान ने बताया कि बीते एक साल से दर्जनों बार जिलाधिकारी श्री हरिप्रताप शाही के यहां गुहार लगाई है, लेकिन उनके कान में जूं नहीं रेंग रहा है।
फोन उठाना मुनासिब नहीं समझे बीएसए
इस खबर के सिलसिले में जब हमने बीएसए शिवनारायण सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया तो उन्होंने फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझा।