बलियाः कलेक्ट्रेट के नजारत अनुभाग से होने वाले भुगतान में धन की अनियमितता की शिकायत मिलने के बाद कमिश्नर ने नाजिर के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। आदेश के बाद विभागीय कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति है।
जानकारी के मुताबिक खोरी पाकड़ गांव के अजय राय ने मंडलायुक्त को शिकायती प्रार्थना पत्र देकर कलेक्टेट के नजारत अनुभान से भुगतान में वित्तीय अनियमितता की शिकायत की थी। जिसके बाद मंडलायुक्त के आदेश पर जिलाधिकारी ने नगर मजिस्ट्रेट को जांच के आदेश दिए हैं। लेकिन नजारत के प्रभारी नगर मजिस्ट्रेट को ही जांच का जिम्मा मिलना निष्पक्षता को खतरे में डाल रहा हैं।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि अश्विनी तिवारी कलेक्ट्रेट में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर तैनात है, जिनकी पदोन्नति दो वर्ष पूर्व होने के पश्चात भी कलेक्ट्रेट में नाजिर पद पर ही कार्यरत हैं और जमकर वित्तीय अनियमितता कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारी एवं नाजिर अश्विनी तिवारी लगातार ई-टेंडर के माध्यम से कार्य का बंटवारा नहीं करके हमेशा मैनुअल टेंडर करके अपने ठेकेदार को काम दिलवाते है।
शिकायत के मुताबिक नजारत से जैम पोर्टल की बजाय बाजार से दो गुने मूल्य पर इलेक्ट्रॉनिक व अन्य सामानों की खरीदारी की गई। साथ ही किसी भी जिलाधिकारी के स्थानांतरण के पश्चात उनके नाम पर सामान की खरीद दिखाकर तमाम तरह की फर्जी बिलों का भुगतान प्रशासनिक अधिकारी/नाजिर के द्वारा किया जाता है। कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों का स्थानांतरण भी अपने मन मुताबिक किया गया और टेबल दिलवाने के नाम पर कर्मचारियों से अवैध वसूली की गई। शिकायतकर्ता ने कर्मचारियों को आवास आवंटित करने के लिए भी धन की वसूली करने और नगर मजिस्ट्रेट के आवास की मरम्मत के नाम पर भी बड़ी वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया गया है।