बलिया डेस्क : कोरोना संकट के बीच जिला अस्पताल में सुबह-शाम मिलने वाले भोजन पर भी ग्रहण लग गया है. दो-दो दिन से भर्ती मरीज को अस्प्ताल प्रशासन की तरफ से खाना नहीं दिया जा रहा है, जिससे या तो उन्हें भूखा रहना पड़ रहा है या फिर बिस्कुट, ब्रेड से काम चलाना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा दिक्कतें उन मरीजों को है, जिनके पास कोई तीमारदार मौजूद नहीं है. लॉक डाउन के बाद से जिस सर्वोत्तम स्वास्थ्य सुविधा का जनपद के सीएमओ और सीएमएस दंभ भर रहे हैं, उन्हें वास्तविक सच्चाई को जानने की जरूरत है.
तीन दिन से बिस्कुट खाकर मिटा रहे भूख
सुखपुरा थाना क्षेत्र के गुरवां निवासी बीते सोमवार की शाम से जिला अस्पताल के नए भवत में भर्ती है, उनसे जब भोजन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उसको भोजन नहीं मिला है, उसके साथ जो तीमारदार आए थे, वे चले गए हैं. कुछ पैसा था जिसका बिस्कुट मंगवाकर खाए हैं. इस पर बाहर नर्स रूम में नर्स से जब पूछा गया तो पहले तो उन्होंने बड़े ही आत्मविश्वास के साथ कहा कि हां सुबह-शाम भोजन दिया जाता है, लेकिन जब उनसे मरीज से रू-बरू करा दिया गया तो उन्होंने अपना बचाव करते हुए बताया कि सोमवार और मंगलवार को मैं ड्यूटी पर थी ही नहीं.
अस्पताल से भोजन मिला नहीं, घर से लाते वक्त पुलिस रोक दिए
करीमुद्दीनपुर थाना जनपद गाजीपुर के एक 65 वर्षीय वृद्धा खुशिया देवी को बीते मंगलवार की शाम लकवा मार दिया था, परिजन उसे एंबुलेंस से भर्ती कराने के बाद बुधवार तक भोजन न मिलने के कारण बाहर से किसी प्रकार बिस्कुट लाकर भूख मिटाए, बुधवार तक जब अस्पताल प्रशासन की तरफ से खाना नहीं मिला तो वृद्ध के घर से आए हुए दो सदस्यों में एक घर से खाना लाने के लिए चला गया और दूसरा अस्पताल में ही रूक गया, उससे जब पूछा गया तो उसने बताया कि जो घर से खाना लाने के लिए गया उसका फोन आया कि घर से आते वक्त पुलिस उसे वापस घर पर ही लौटा दिए.
सुबह दूध ब्रेड के साथ शाम को मिलता है रोटी, चावल, सब्जी
गौरतलब हो कि जिला अस्पताल में भर्ती हर मरीज को अस्पताल प्रशासन की तरफ से सुबह और शाम भोजन दिया जाता है. सुबह के वक्त जहां दूध और ब्रेड देने का नियम है, वहीं सुबह बनी लिस्ट के आधार पर शाम के वक्त रोटी, चावल और सब्जी दिया जाता है. लेकिन अफसोस लॉक डाउन दिनों इन सारी चीजों पर मानो ग्रहण लग गया है.
अस्पताल में भोजन पर संकट के सवाल पर सीएमएस बीपी सिंह ने बताया कि भोजन की कोई दिक्कत नहीं है, सुबह शाम दोनों टाइम भोजन दिया जा रहा है. अब सवाल यह उठता है क्या बेड पर भर्ती मरीज झूट बोल रहे हैं या फिर अस्पताल प्रशासन अपनी कमी को छिपा रहे हैं.
बलिया के फेफना थाना क्षेत्र के एकौनी संत थामस स्कूल के पास सोमवार सुबह एक…
बलिया के सुल्तानपुर के टोलापुर गांव में रविवार तड़के करीब 3 बजे एक भीषण आग…
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में निवेश के नाम पर एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश…
बलिया के महावीर लाज में 30 मार्च को हुई महिला की हत्या के मामले में…
लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं…
बलिया जिले के खेजुरी थाना क्षेत्र के खेजुरी बाजार में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)…