दवा के मामले में जिले के एलोपैथ अस्पतालों की दशा भले ही खराब है। फिर भी दवाएं कुछ हद तक मिल जा रही है। लेकिन जिले के आयुर्वेद अस्पतालों की दशा खासी खराब है। करीब एक साल से यहां दवाएं ही नहीं भेजी गईं। वहीं, जिला मुख्यालय स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल का भवन भी बजट के अभाव में जर्जर हो गया है। जिला आयुर्वेदिक अस्पताल में पहले रोजाना सौ से 150 मरीज आते थे। लेकिन दवा के अभाव के चलते अब इनकी संख्या घटकर 15 से 20 मरीज पर आ गई है।
विभागीय सूत्रों की माने तो नवंबर-दिसंबर 2016 बजट में 11 लाख मिले थे। जिनसे दवाएं आई थीं। इसके बाद दवाओं का हो गया। भवन के मरम्मत और पेंटिंग के नाम पर भी कोई बजट करीब आठ साल से नहीं मिल रहा है। उपचार कराने आए आफिसर्स कालोनी निवासी अजीत कुमार, रवि पांडेय ने बताया कि आयुर्वेदिक दवाएं करीब एक साल से नहीं आ रही है। गरीब मरीज बाहर से दवा खरीद रहे।
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