बलिया डेस्क : जननायक चंद्रशेखर यूनिवर्सिटी की वीसी प्रो. कल्पलता पांडेय ने तीन दिन से चल रहे छात्र आन्दोलन पर चुप्पी तोड़ते हुए बड़ा बयान दिया है। प्रो. कल्पलता पांडेय ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि विश्वविद्यालय का हर निर्णय छात्रों के हित में हो रहा है। विद्यार्थियों को समझना चाहिए कि बैक पेपर व श्रेणी सुधार परीक्षा की फीस निर्धारित करने या छात्र-छात्राओं की अन्य सुविधा को लेकर अन्य विश्विद्यालयों की अपेक्षा यहां बेहतर निर्णय हुआ है।
शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कुलपति ने साफ किया कि किसी के निजी स्वार्थ एवं राजनीति की वजह से ऐसा कुछ नहीं होगा कि जो छात्रों के हित में ना हो। उन्होंने बताया कि छात्रों की जायज मांग थी उसे पहले भी पूरा कर दिया गया है। प्रो.पांडेय ने कहा, बेहतर होता अगर आंदोलन क्लास चलवाने के लिए होते, पठन-पाठन की गुणवत्ता सुधारने के लिए होते। लेकिन, अगर आंदोलन परीक्षा देने से पीछे हटने और बिना पढ़े पास होने की अपेक्षा को लेकर हो रहा है तो यह ठीक नहीं है।
विद्यार्थियों को स्वयं अपना हित व अहित के बारे में सोचना होगा। मेरा प्रयास यही होगा कि ऐसी व्यवस्था हो जिससे छात्रों का भविष्य उज्ज्वल हो। शिक्षा के लिए कुलपति की जिम्मेदारी के साथ-साथ पढ़ाने को भी तैयार हूं। उन्होंने आंदोलित छात्रों को प्रोन्नत व उत्तीर्ण होने में अंतर को समझाते हुए कहा कि शासनादेश के आधार पर विद्यार्थियों को प्रोन्नत करने की कार्यवाही हुई, लेकिन शासनादेश में बैक पेपर कराने का भी उल्लेख है। इसलिए शासनादेश के अनुसार उत्तीर्ण होने के लिए परीक्षा देना अनिवार्य है।
परीक्षा फीस में अन्य विवि की अपेक्षा यहां दी गई अधिक सहूलियत
परीक्षा फीस को लेकर कुलपति प्रो पांडेय ने कहा कि काशी विद्यापीठ के साथ प्रदेश के लगभग समस्त विश्वविद्यालयों में इस संबंध में जारी दिशा-निर्देश को देखा गया। उसमें से उन निर्देशों को यहां लागू किया, जो छात्रों को राहत दिलाने वाली थी। एक विषय के बैक पेपर के लिए 600 और उससे ज्यादा विषय मे बैक पेपर परीक्षा फीस 900 रुपये व प्रोफेशनल कोर्स के लिए 1200 रुपये निर्धारित हुई। अन्य विश्वविद्यालयों की अपेक्षा यहां ज्यादा सहूलियत दी गई। काशी विद्यापीठ की परीक्षा समिति के निर्णय के अनुसार यहां भी पांच प्रतिशत नम्बर बोनस के रूप में दिए जाने की व्यवस्था लागू हुई। छात्रों का जो भी समूह आया, उनको भलीभांति समझाया भी गया। बावजूद इसके आंदोलन समझ से परे की बात है।
विद्यार्थियों के कम होने की बात महज अफवाह
बलिया। कुलपति इस अफवाह को खारिज किया कि यहां विद्यार्थियों की संख्या में भारी कमी आई है। बताया कि फिलहाल कुल 128 कालेजों में 80,324 विद्यार्थी है। केवल ढाई हजार विद्यार्थी कम हुए हैं, जो प्रदेश के अन्य विवि की अपेक्षा सबसे कम है। अफवाह उड़ाई जा रही है कि एक लाख से 45 हजार छात्र हो गए हैं, जो सरासर गलत है।
इस सत्र से हट जाएगा राइडर
कुलपति प्रो कल्पलता पांडेय ने बताया कि प्रैक्टिकल परीक्षा में राइडर (प्राप्तांक की अधिकतम सीमा) लगाने के पक्ष में नहीं हूँ। इसलिए इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है। उसकी रिपोर्ट मिलते ही इस सत्र से राइडर हटा दिया जाएगा। दरअसल, पहले प्रैक्टिकल में नंबर देने की अधिकतम सीमा 75 प्रतिशत थी, जो बाद में 80 प्रतिशत हो गई। अब यह सीमा खत्म कर दी जाएगी। लेकिन, इतना जरूर है कि 80 फीसदी से ज्यादा नम्बर पाने वाले की दोबारा कापी देखी जा सकती है।
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