बलिया में विश्व आदिवासी दिवस पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने गोंड, खरवार को अनुसूचित जाति का जाति प्रमाण पत्र देने की मांग की। जिनका कहना था कि शासनादेश होने के बावजूद जिले के लेखपाल और तहसीलदार अवहेलना कर रहे हैं। साथ ही कहा कि देश की आजादी में गोंड समाज की भी अहम भूमिका रही। लेकिन आज वही गोंड अवहेलना का शिकार हो रहे हैं।
बता दें विश्व आदिवासी दिवस गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के तत्वावधान में कलेक्ट्रेट स्थित अंबेडकर संस्थान के पास मनाया गया। बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनकी विचारधारा पर चर्चा की गई। भारतीय संविधान जिंदाबाद और विश्व आदिवासी दिवस जिंदाबाद के नारे लगाए गए। मुख्य वक्ता गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री इंडियन पीपुल्स सर्विसेज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद गोड़वाना ने कहा कि आज भारत की राष्ट्रपति आदिवासी जनजाति समुदाय की सम्मानित महिला हैं।
इस दौरान मांग की गई कि राष्ट्रपति राज्य पत्र संविधान अनुसूचित जनजाति आदेश संशोधित अधिनियम 2002 के अनुपालन में गोंड, खरवार को अनुसूचित जाति का जाति प्रमाण पत्र सुगमता जारी किया जाए। शासनादेश होने के बावजूद जिले के लेखपाल और तहसीलदार अवहेलना कर रहे हैं। जिलाध्यक्ष सुमेर गोंड और सचिव परशुराम ने कहा कि 9 अगस्त 1942 अंग्रेज भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 18 अगस्त को बैरिया थाना पर आदिवासी जनजाति समुदाय के रामजन्म गोंड, व छट्ठू गोंड शहीद हो गए। शिव शंकर गोंड, सूचित गोंड, एडवोकेट अशोक गोंड, आनंद गोंड, निहाल गोंड व राकेश कुमार गोंड आदि मौजूद रहे।
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