बलिया। सहतवार में बांसडीह ब्लॉक के ग्राम सभा बलेऊर में करोड़ों की लागत से बनी कृषि मंडी उपेक्षा का शिकार हो रही है। जर्जर मंडी की मरम्मत न होने की वजह से जगह का सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। नतीजन केवरा की सड़कों के दोनों ओर दुकाने लग रही हैं। जहां दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। यहां तक कि इमरजेंसी पर एंबुलेंस को निकलने में 15 से 20 मिनट लग जाते हैं। जिससे कभी-भी कोई अनहोनी हो सकती है। बावजूद व्यापारियों की मांग पर प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है।
दरअसल मंडी के निर्माण में दिग्गज कांग्रेसी नेता बच्चा पाठक औरप पूर्व विधायिका विजयलक्ष्मी का अहम योगदान था। कोरोना की पहली लहर में ग्रामसभा केवरा में लगने वाले सब्जी व्यापारियों के पॉजिटिव होने के कारण वहां से मंडी जिला प्रशासन ने हटा दी थी। और फिर उपजिलाधिकारी बांसडीह ने मंडी में साफ सफाई करवा कर केवरा के सभी सब्जी विक्रेताओं को बलेऊर मंडी में शिफ्ट कर दिया था। उस समय यहां पर लगभग 72 दिन तक दुकानें चली और 86 सब्जी विक्रेताओं ने लाइसेंस भी लिया।
लेकिन उसके बाद फिर सभी सब्जी व्यापारी केवरा सड़क के दोनों तरफ सब्जी की दुकान लगाने लगे। जहां पर आए दिन दुर्घटना होती रहती है तथा इमरजेंसी मरीज को ले जाने वाली एंबुलेंस को भी निकलने में 15 से 20 मिनट तक लग जाता है। तमाम समस्याओं के बाद भी स्थानीय प्रशासन मौन है। क्या कारण है कि यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधियों के इस मंडी को चालू कराने के लिए कोई भी बात नहीं सुनी? इस मंडी के 100 मीटर पर पुलिस चौकी सहतवार डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर थाना सहतवार 30 मीटर की दूरी पर राज्य सड़क और 10 मीटर की दूरी पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ ही सुलभ शौचालय स्थित है। उसके बावजूद मंडी को केवरा में जाने दिया गया।
एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार कृषि मंडी समिति को मजबूत करने और आधुनिक बनाने की बात कह रही है वहीं दूसरी तरफ यह उदाहरण है कि बने हुए कृषि मंडी समिति की देखभाल करने वाला कोई नहीं है।स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन ने थोड़ा सा भी ध्यान नहीं दिया कि मंडी बलेऊर में लगे। मंडी की समस्या को लेकर व्यापारी नेता अरविंद गांधी ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए मंडी समिति की लड़ाई रोक दी गई है।
लेकिन अगर राज्य सरकार और जिला प्रशासन मंडी की मरम्मत नहीं कराती है और साथ-साथ ध्यान नहीं देती है। तो फिर से स्थानीय व्यापारियों के साथ आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे। जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। मंडी सचिव बलिया को बार-बार पत्र और मिल कर भी मंडी में लगे जर्जर सेड के साथ ही बाउंड्री के जगह-जगह से टूटने से अवगत कराया। बावजूद ध्यान नहीं गया।
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