बलिया डेस्क : पिछले दो दिनों जिले में कोरोना संक्रमित नहीं मिलने से प्रशासन ने राहत भरी सांस ली है लेकिन पूर्व में मिले संक्रमितों के संपर्कियों की तलाश जारी है। सर्विलांस अधिकारी व स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार इस दिशा में कार्य कर रही है कोरोना संक्रमितों के संपर्कियों का पता लगा कर उनकी सैंपलिंग भी कर रही है। बुधवार को भी सर्विलांस टीम ने कोरोना संक्रमित के 20 संपर्कियों के सैंपल लेकर जांच को भेजा। रतसर के अरईपुर निवासी कोरोना संक्रमित युवक के क्लोज कंटेक्ट में रहने वाले 20 लोगों का सैंपल गुरूवार को पीएचसी पर सर्विलांस टीम द्वारा लिया गया।
बता दें कि अरईपुर निवासी युवक 21 मई को अहमदाबाद से घर आया था और उसका सैंपल दो जून को पीएचसी पर लिया गया था जिसकी रिपोर्ट आठ जून को पॉजिटिव आई थी। उसी दिन उसे बसंतपुर एल-1 अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करा दिया गया। मंगलवार को उसके गांव पहुंची चिकित्सकीय टीम द्वारा उसके संपर्कियों को चिह्नित किया और बुधवार को टीम ने संक्रमित के संपर्क में आए लोगों का सैंपल लिया।
उधर, कस्बा के मिशन रोड निवासी कोरोना संक्रमित युवक के आठ जून को अस्पताल से ठीक होकर घर आने के बाद बनाए गए कंटेनमेंट जोन की बेरिकेडिंग को शरारती तत्वों ने हटा दिया। इसको लेकर आसपास के लोंगों में नाराजगी है। इस कंटेनमेंट जोन के नामित सेक्टर मजिस्ट्रेट ज्ञान प्रकाश ने बताया कि कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार 28 दिनों तक कंटेनमेंट जोन को सील रखना है भले ही वहां का कोरोना संक्रमित स्वस्थ हो।
28 दिनों तक एक भी नया मरीज ना मिलने की स्थिति में ही वह क्षेत्र ग्रीन जोन माना जाएगा। बताया कि बैरिकेडिंग को हटा देने की सूचना मिली है जिसे फिर से सील करने के लिए ग्राम प्रधान व पुलिस से सहयोग मांगा गया है।
हॉटस्पॉट गांव में व्यवस्था चरमराई , एक दूूसरे के जिम्मे थोप रहे अधिकारी
चिलकहर के बुढऊ गांव में सोमवार को कोरोना पॉजिटिव मिलने के दो दिन बाद भी गांव को सैनिटाइज नहीं किया गया है। उधर, इस गांव के मामले को लेकर अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोपने का काम कर रहे हैं। कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद बुढऊ गांव को हॉटस्पॉट घोषित कर कुछ रास्ते को बैरिकेड कर दिया गया है।
लेकिन पॉजिटिव मिले युवक के परिजन व अन्य संपर्कियों की अभी तक सैंपलिंग नहीं की है। इसके चलते गांव के लोगों में दहशत है। इतना ही नहीं हॉटस्पॉट घोषित गांव के लोग खुलेआम अन्य चट्टी चौराहों पर घूम रहे हैं। इसके अलावा हॉटस्पॉट में होम डिलीवरी के लिए दुकानदार तक नामित नहीं हो सके हैं।
इस बाबत खंड विकास अधिकारी अशोक कुमार ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि सब्जी, किराना समेत आवश्यक सामग्रियों की होम डिलीवरी के लिए दुकानदारों की सूची ग्राम प्रधान व सचिव के द्वारा एसडीएम रसड़ा को भेजा गया है। यह उनकी जिम्मेदारी है कि दुकानदारों को चयनित करें। कहा कि मेरी जिम्मेदारी बैरिकेडिंग कराने का था जिसे करा दिया गया है।
गांव के लिए नियुक्त मजिस्ट्रेट एडीओए रविंद्र पांडेय ने बताया कि मुझे अभी-अभी जिलाधिकारी का पत्र प्राप्त हुआ है। मुझे वहां क्या करना है इसकी कोई जानकारी नहीं है। उधर, नोडल अधिकारी डॉ अशोक कुमार जल्द ही कोरोना संक्रमित के परिजनों की सैंपलिंग की जाएगी।
कोरोना जांच को लेकर गांव में ऊहापोह की स्थिति
कोरोना पॉजिटिव मिलने पर तो जिला प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाती है लेकिन सैंपलिंग के बाद रिपोर्ट निगेटिव आने की सूचना लोगों को नहीं मिल पाती है। इसके चलते लोगों में ऊहापोह की स्थिति रहती है। कोरोना संक्रमण को लेकर किए दावे भी कई मामले में कुछ अलग ही है जिससे लोगों में तरह-तरह की चर्चा है।
कोरोना संक्रमण को लेकर दावा है कि पॉजिटिव के संपर्क आने पर यह बीमारी सामने वाले को भी पकड़ लेती है। लेकिन क्षेत्र में पॉजिटिव मिले परिवार वालों में ऐसा नहीं है। कैथवली स्थित प्राथमिक विद्यालय पर 26 मई को मुंबई से आया युवक का परिवार क्वारंटीन था। युवक के अलावा उसकी पत्नी व चार बच्चों का सैंपल लिया गया। लेकिन जांच में कोरन्टाइन बम्बई से आये भोला कन्नोजिया उसकी पत्नी व चार बच्चों का सैम्पल लिया गया। उसी दिन दौलतपुर में भी दिल्ली से आकर अपने पूरे परिवार के साथ रह रहे युवक का सैंपल लिया गया।
जांच रिपोर्ट में कैैथवली गांव का युवक व उसका पुत्र पॉजिटिव मिला जबकि दौलतपुर निवासी भी पॉजिटिव मिला जबकि इसके कोई लक्षण भी नहीं थे। हैरानी की बात है कि कैथवली निवासी युवक के साथ रह रही पत्नी व अन्य बच्चों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसके अलावा 31 मई से ही सभी पॉजिटिव को एल.1 अस्पताल में रखा गया है लेकिन 10 दिनों बाद भी इन लोगों की दूसरी जांच रिपोर्ट नहीं आई है। इतना ही कैथवली निवासी युवक के पत्नी सहित परिवार के अन्य लोगों का एक बार फिर एक जून को सैम्पल लिया गया था जिसकी रिपोर्ट बताने में सभी जिम्मेदार असमर्थ हैं।
उधर, स्कूल में क्वारंटीन रह रहे कैैथवली निवासी युवक के परिजनों को घर भेज दिया गया। इसको लेकर गांव में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है और लोग जांच पर सवाल उठाने लगे हैं। इस बाबत सीएचसी नरही के अधीक्षक डा. आनन्द ने कहा कि जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव है उनकी रिपोर्ट आ रही है। 10 दिनों तक कोई खबर नहीं मिली तो उन्हें निगेटिव मानकर घर भेज दिया गया।
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