रिपोर्ट- अनूप कुमार हेमकर
बलिया डेस्क : केंद्रीय औषधि भंडार में आई डी बनाकर 4 करोड़ रुपये के कथित घपला का सनसनीखेज आरोप लगाने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक को अपने विभाग के जिले के आला अधिकारी से ही जान का खतरा हो गया है। अधीक्षक ने इस घोटाले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की भी भूमिका होने का आरोप लगाया है । उन्होंने घोटाले की सच्चाई को सामने लाने के लिए मामले की शासन द्वारा गठित समिति से जांच की मांग की है ।
घपला व घोटालों को लेकर कुख्यात बलिया जिले के स्वास्थ्य महकमे में तत्कालीन उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी व वर्तमान समय में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र , बिल्थरारोड के अधीक्षक डॉ जी पी चौधरी के एक चिट्ठी को लेकर भूचाल आ गया है । अधीक्षक डॉ चौधरी ने अब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पी के मिश्र से अपनी जान को खतरा बता दिया है ।
उन्होंने इसके साथ ही कहा है कि उनका परिवार भी भयभीत हो गया है । मीडिया से बातचीत के दौरान डॉ चौधरी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर खुलकर हमला किया है । उन्होंने केंद्रीय औषधि भंडार में आई डी बनाकर 4 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भी संलिप्त करार दे दिया है ।
उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर पलटवार करते हुए कहा है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथ्यों को गलत तरीके से उद्धृत कर रहे हैं । उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी के उन पर लगाये गये सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है । उन्होंने दावा किया है कि यह उनके नाम से व्यक्तिगत आई डी हैं ।
इस आई डी का पासवर्ड बदलकर ओ टी पी मंगा लिया गया तथा दवा आपूर्ति का ऑर्डर कर दिया गया । उन्होंने दोहराया कि इस पूरे मामले में तकरीबन चार करोड़ रुपए का घोटाला किया गया है ।
उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा दिये गये नोटिस को लेकर पूछे जाने पर स्पष्ट किया है कि उन्होंने अपना स्पष्टीकरण 17 जून को ही दे दिया है । उन्होंने अपने उपर अनुशासनहीनता के आरोप को निराधार करार देते हुए कहा है कि उन्होंने कोई अनुशासनहीनता नही की है , बल्कि घोटाले की सूचना अपने उच्च अधिकारियों को देकर अपने कर्तव्य का पालन ही किया है । उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच शासन द्वारा गठित टीम से कराया जाय ताकि घोटाले की सच्चाई सामने आ सके ।
उल्लेखनीय है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अधीन केंद्रीय औषधी भंडार में फर्जी आईडी बनाकर जीएम पोर्टल पर चार करोड़ रुपए का इंडेट कर घोटाला करने की शिकायत उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जी पी चौधरी ने पिछले दिनों किया था । उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जीपी चौधरी ने गत 28 मई 2020 को स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन के उच्च अधिकारियों को प्रेषित किये गए अपने पत्र में घोटाले का सिलसिलेवार उल्लेख किया था तथा जानकारी दी थी कि वह केंद्रीय औषधि भंडार बलिया एवं पीसीपी एनडीटी बलिया में कार्यरत रहा।
इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलिया के आदेश के क्रम में गत 10 अगस्त 2019 को उसके द्वारा अपना समस्त प्रभार अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजनाथ को दे दिया गया। इसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलिया ने प्रति हस्ताक्षरित करते हुए उसे कार्यमुक्त भी कर दिया ।
उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अपने पत्र में यह भी जानकारी दी है कि डा.राजनाथ अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी केंद्रीय औषधी भंडार , बलिया एवं पीसीपी एनडीटी के प्रभारी अधिकारी के रूप में पारस नाथ राम स्टोर कीपर, केंद्रीय औषधि भंडार बलिया के साथ कार्य करने लगे। उन्होंने शिकायत की है कि इन लोगों ने विभाग को धोखा देने की नियत से और उसे फंसाने की साजिश के तहत फर्जी तरीके से कूटरचित आईडी बनाया तथा इन लोगों द्वारा करीब चार करोड़ रुपए का जीएम पोर्टल पर ऑर्डर कर दिया गया। उन्होंने दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के साथ आवश्यक विभागीय कार्रवाई का अनुरोध किया है ।
डॉ चौधरी के इस पत्र का न्यूज़ट्रैक न्यूज़ पोर्टल द्वारा करने के उपरांत मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर गलत शिकायत करने का आरोप लगाते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनिक व विधिक कार्रवाई करने की चेतावनी की नोटिस जारी कर दी। उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सीयर के अधीक्षक डॉ जी पी चौधरी को गत 15 जून को नोटिस जारी कर उन पर घोर अनुशासनहीनता बरतने का आरोप लगाया तथा अपने पत्र में स्पष्ट किया कि उन्होंने फर्जी आई डी पर केंद्रीय औषधि भंडार से चार करोड़ रुपये के घपला का गलत आरोप लगाया है ।
उन्होंने अपने पत्र में यह भी जानकारी दी कि केंद्रीय औषधि भंडार में प्रभार हस्तांतरण करने के साथ ही पासवर्ड बदल दिया जाता है, हालांकि आई डी पुराना ही रहता है । उन्होंने फर्जी आई डी बनाने के आरोप को असत्य, निराधार व भ्रामक करार देते हुए जानकारी दी कि डॉ राजनाथ का पासवर्ड उनकी आई डी एवं पासवर्ड से बनाया गया था । इस पत्र में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर पलटवार करते हुए कहा है कि उनके द्वारा विभाग के निलंबित वरिष्ठ लिपिक मुन्ना बाबु के कार्यकाल में सी एम एस डी से की गई खरीददारी की जांच चल रही है । यह खरीददारी डॉ चौधरी द्वारा ही किया गया है ।
खरीददारी में त्रुटि हुई होगी, इसलिए जांच की दिशा मोड़ने के लिए भ्रामक शिकायत किया गया है । पत्र में यह भी कहा गया है कि चार्ज ग्रहण करने की तिथि 10 अगस्त 2019 से शिकायत करने की तिथि 28 मई 2020 तक यदि आई डी पर कार्यादेश जारी हुआ है तो फिर प्रत्येक ऑर्डर जनरेशन के पश्चात उनके मोबाइल पर ओ टी पी आता रहा होगा तो तत्समय ही उनके द्वारा इसका संज्ञान क्यों नही लिया गया तथा इसकी जानकारी उन्हें क्यों नही दी गई । मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इसके साथ ही कहा कि उनके इस कृत्य से विभाग की छवि धूमिल हुई है । मुख्य चिकित्सा अधिकारी इसके बाद औचक निरीक्षण करने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिल्थरारोड पहुँचे ।
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