बलिया में करीब ढाई माह पहले रामपुर स्थित राजकीय आईटीआई के छात्रों की ओर से खुद कांपी जांचने का वीडियो वायरल हुआ था। जिसके बाद जमकर बवाल भी हुआ था। लेकिन इस मामले में अब सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी गई है।संयुक्त निदेशक ( आईटीआई) आजमगढ मंडल एसएन राम ने 18 जनवरी को अपनी रिपोर्ट पेश की थी। जिसमें उन्होंने प्रधानाचार्य, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बलिया, सीयर तथा अन्य कर्मचारियों के बयान के आधार पर कहा है कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्याकन संस्थागत अनुदेशकों द्वारा ही किया गया है एवं छात्रों द्वारा कॉपी जाचने की बात की पुष्टि नहीं हो पाई।
उनकी इसी रिपोर्ट के बाद शासन ने फैसला लेते हुए सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है।बता दें कि बीते साल 23 दिसंबर को बलिया के राजकीय आईटीआई में छात्रों के द्वारा कॉपी चेक करने का वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें स्कूल में पढ़ने वाले फीटर ट्रेड के द्वितीय वर्ष के दो छात्र अपनी और अन्य दूसरे प्राइवेट आईटीआई संस्थानों में हुई परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन करते दिख रहे थे। साथ ही वीडियो में यह भी दिखाई दिया कि छात्रों के द्वारा यह कॉपियां विद्यालय में कार्यरत एक अनुदेशक और करीब 25 वर्षों से राजकीय आईआईटी में तैनात फोरमैन की देखरेख में जांची जा रही थी।
वायरल वीडियो में फोरमैन कहते दिख रहे थे कि वो बच्चों से सहयोगी स्टॉफ का कार्य ले रहे हैं। वहीं कॉपी जांचने का काम रात में हो रहा था। जिसके बाद कई सवाल खड़े हुए। साथ ही काफी हंगामा भी हुआ। लेकिन विद्यालय प्रशासन ने सभी आरोपों से इनकार कर दिया। विवाद को बढ़ते देख जेडी आजमगढ़ ने जांच कमेटी बना दी, जिसने अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट संयुक्त निदेशक को सौंप दी थी, जिसे जेडी ने 18 जनवरी को शासन को भेजा। अब इस मामले में सभी आरोपी आरोपमुक्त करार कर दिया गए हैं।
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