बलिया- समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव आज (मंगलवार) बलिया में गठबंधन के प्रत्याशी सनातन पाण्डेय के समर्थन में जनसभा को संबोधित करने पहुचे थे। जहाँ उन्होंने बीजेपी पर जमकर हमला बोला । साथ ही उन्होंने पू्र्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे और समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद नीरज शेखर को टिकट न दिए जाने पर भी बड़ी बात कही।
बता दें की आज अखिलेश यादव की सभा में नीरज शेखर का न होने की वजह से अटकलों का दौर चालू था जिस पर सपा प्रमुख ने बलिया पहुच कर विराम लगा दिया । सपा प्रमुख ने नीरज शेखर के मंच पर नहीं होने पर स्पष्ट किया कि हम आपके सम्मान में कभी कोई कमी नहीं करेंगे। दोबारा भी वह सम्मान करेंगे।
नीरज के लोग यह न सोचें कि हमने उनका टिकट काटा है। हमने 2014 में उनका सम्मान किया और राज्यसभा भेजा। उनके पिता और चन्द्रशेखर जी के नाम पर यूनिवर्सिटी दी। लेकिन भाजपा सरकार हमारे दिए पैसे को भी वापस ले लिया। हम उन यूनिवर्सिटी में नए तरह की पढ़ाई की व्यवस्था करेगी। वहां से पढ़कर काफी आगे जाएंगे।
वही अखिलेश यादव के बयान के बाद राजिनितक पंडितों की माने तो अखिलेश ने जाते जाते नीरज को लेकर जो अटकले चल रही थी उन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है ।
बता दें इस बार के लोकसभा चुनाव में सपा- बसपा का गठबंधन हुआ और यह सीट सपा के खाते में आई। हर कोई उम्मीद लगाए हुए था और यह मानकर चल रहा था कि इस सीट से सपा नीरज शेखर को ही चुनावी मैदान में उतारेगी, लेकिन नामांकन के अंतिम दिन से ठीक कुछ घंटे पहले सपा ने सबको चौंकाते हुए इस सीट से नीरज शेखर की जगह पूर्व विधायक सनातन पाण्डेय को अपना उम्मीदवार बना दिया। जिसको लेकर बलिया में तरह तरह की चर्चा सामने आई थी।
इस बार भले ही चंद्रशेखर या उनके परिवार का कोई सदस्य मैदान में नहीं है लेकिन अब भी चर्चा के केंद्र में चंद्रशेखर और उनका परिवार ही है। बलिया की जनता के बीच चुनावी चर्चा वोटिंग से पहले भी यही है कि नीरज शेखर को टिकट मिलना चाहिए था। नीरज शेखर नहीं तो क्या उनको पत्नी को टिकट देना चाहिए था।
नीरज शेखर के नहीं लड़ने से किसको फायदा होगा. साथ ही इस बात की भी चर्चा जोरों पर है कि नीरज शेखर को अपने पिता की पार्टी सजपा का सपा में विलय नहीं करना चाहिए था। यानी चुनावी चर्चा में भी अब भी चंद्रशेखर व उनका परिवार ही है।
सनातन पाण्डेय को टिकट देने के पीछे यह है रणनीति
इस सीट को लेकर सपा की यह रणनीति मानी जा रही है कि राजपूत और भूमिहार वोटर्स बीजेपी कैंडिडेट का समर्थन कर सकते हैं ऐसे में सनातन पाण्डेय के जरिए वह ब्राह्मण वोटरों को साध सकती है. साथ ही यादव, मुस्लिम और दलितों का वोट उसे मिल जाए तो सपा की राह इस सीट से आसान हो सकती है. ब्राह्मण वोटरों को सपा अपने साथ कितना जोड़ पाती है यह देखने वाली बात होगी.
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