प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने ‘उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद’ नाम से फर्जी बोर्ड बनाकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। फर्जी बोर्ड के प्रबंधक राजमन गौड़ समेत गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। इसका कार्यालय लखनऊ के इंदिरा नगर इलाके में खुला हुआ था।
एसटीएफ व इंदिरा नगर थाने की पुलिस ने रविवार को संयुक्त रूप से छापा मारकर गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया। एसटीएफ को सूचना मिली थी कि फर्जी बोर्ड का संचालन कर रहा राजमन गौड़ आफिस बंद करके सभी कागजात व इलेक्ट्रानिक उपकरणों के साथ भागने की फिराक में है। बोर्ड का कार्यालय इंदिरा नगर थानाक्षेत्र के फरीदी नगर स्थित मानस तिराहे के निकट रहेजा हाउस में चल रहा था।
अभियुक्तों के विरुद्ध धारा 419, 420, 467, 468 व 471 के तहत इंदिरा नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। गिरफ्तार अभियुक्तों में फर्जी बोर्ड का प्रबंधक राजमन गौड़ व उसका भाई जितेन्द्र गौड़ आजमगढ़ के बरदह थाना क्षेत्र स्थित रवनिया गांव के रहने वाले हैं। इसके अलावा बस्ती जिले के हर्रैया थानाक्षेत्र स्थित भदावल निवासी कनिकराम शर्मा व सुनील शर्मा, गोरखपुर जिले के बेलीपार थानाक्षेत्र स्थित भरवल निवासी नीरज शाही, आजमगढ़ जिले के बरदह थानाक्षेत्र स्थित खर्गीपुर निवासी राधेश्याम प्रजापति और लखनऊ जिले के इंदिरा नगर थानाक्षेत्र स्थित फरीदी नगर निवासी नीरज प्रताप सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है।
फर्जी बोर्ड के कार्यालय से एक सीपीयू, एक मॉनीटर, 4 हाईस्कूल व इंटर की मार्कशीट व सर्टिफिकेट, 6 पैनकार्ड, 9 एटीएम कार्ड, एक बैंक पासबुक, नकद31,340 रुपये, 8 मोबाइल, 4 ड्राइविंग लाइसेंस, 9 मुहर, 10 वोडाफोन के सिमकार्ड, फर्जी बोर्ड से संबंधित विभिन्न कागजात और एक यूपी 32 जेए 1008नंबर की स्कार्पियो बरामद की गयी है।
आनलाइन होता था पंजीकरण :
फर्जी बोर्ड की तीन अलग-अलग वेबसाइट बनाकर छात्रों का आनलाइन पंजीकरण किया जा रहा था। प्रारंभिक जांच में पता चला कि प्रदेश के 62 शिक्षण संस्थान इस बोर्ड से मान्यता प्राप्त कर छात्रों को सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं। पासपोर्ट के लिए सत्यापन की प्रक्रिया के दौरान इस फर्जी बोर्ड की मार्कशीट पहली बार संदेह के दायरे में आई थी। एसटीएफ को ऐसी सूचना मिल रही थी कि अंतरराज्यीय स्तर पर तीन वेबसाइटों के माध्यम से आनलाइन फर्जी शिक्षा बोर्ड बनाकर बच्चों को गुमराह किया जा रहा है। इस सूचना पर एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने एएसपी त्रिवेणी सिंह को इस गिरोह के बारे में सूचनाएं एकत्र करने का निर्देश दिया। एसटीएफ ने जांच शुरू की तो तीनों वेबसाइट्स फर्जी जान पड़ीं। बोर्ड के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय से छानबीन में पता चला कि बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक व दिल्ली सहित कई राज्यों में स्टडी सेंटर बनाकर देश के कई राज्यों में सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं। इसके अलावा बोर्ड आनलाइन फार्म भरवाकर कुछ समय बाद सर्टिफिकेट जारी कर देता था। बोर्ड की वेबसाइट्स के मेंटीनेंस के लिए एक आईटी एक्सपर्ट भी तैनात था। वेबसाइट को असली जैसा दिखाने के लिए इंडिया व स्वच्छ भारत अभियान का ‘लोगो’ एवं आईएसओ 9001का फर्जी प्रमाणपत्र भी इस पर प्रदर्शित किया गया था।
फर्जी माइक्रो फाइनेंस कंपनी भी चला रहे अभियुक्त :
एसटीएफ ने जब शिक्षा विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि इस नाम से किसी बोर्ड की मान्यता नहीं है। यह भी पता चला कि इस बोर्ड के एक पूर्व छात्र जौनपुर निवासी अनवर ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। अनवर को पासपोर्ट कार्यालय से बताया गया कि उसका अंकपत्र फर्जी है। गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में यह भी पता चला कि राजमन गौड़ ने एक फर्जी माइक्रो फाइनेंस कंपनी भी खोल रखी है। इस कंपनी के माध्यम से भी वह आर्थिक ठगी कर रहा है।
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