बलिया

बलिया के ददरी मेले को मिल सकता है राजकीय दर्जा, डीएम ने भेजा प्रस्ताव

बलिया में लगने वाले ददरी मेला प्रदेश भर में प्रसिद्ध है। इस मेले का पौराणिक और धार्मिक महत्व है। इसका नामकरण महर्षि भृगु ने अपने शिष्य महर्षि दर्दर मुनि के नाम पर किया था। अब इस मेले को राजकीय दर्जा दिलाने के लिए डीएम ने पहल शुरू की है।
ददरी मेले को राजकीय मेला घोषित करने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने 19 अक्टूबर 2024 को अपनी संस्तुति सहित आख्या प्रमुख सचिव, नगर विकास विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ को संबोधित एवं उसकी प्रतिलिपि प्रमुख सचिव, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ को प्रेषित किया है। यह जानकारी मुख्य राजस्व अधिकारी/प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय त्रिभुवन ने दी।
ददरी मेले के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए इस अमूर्ति विरासत के संरक्षण की नितांत आवश्यकता है। इसको राजकीय मेले का दर्जा प्राप्त होने से सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण होगा, बल्कि मेले में जन सुविधाओं का भी विस्तार हो सकेगा। इसके साथ ही बलिया की इस अमूर्ति विरासत की ख्याति देश और प्रदेश स्तर पर बढ़ जाएगी।
बता दें कि ददरी मेला के भारतेंदु मंच पर संत समागम का आयोजन किया जाता है। संत समागम में भारत के विभिन्न भागों से संत आते है और घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के पूरे महीने कल्पवास करते है। ददरी मेले में कव्वाली, मुशायरा, लोकगीत, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, खेल-कूद प्रतियोगिता, चिकित्सा शिविर आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। ददरी मेले में लगभग 30 करोड़ रूपये का व्यापार मीना बाजार के माध्यम से होता है। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भारतेंदु मंच पर किया जाता है, जिसके माध्यम से देश-प्रदेश के प्रसिद्ध कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन से मुख्य मेला आरम्भ होता है, जिसे ‘मीना बाजार’ के नाम से जाना जाता है। मीना बाजार का नाम मुगल बादशाह अकबर द्वारा रखा गया था। मीना बाजार का संचालन भी 20 दिनों तक होता है। ददरी मेले में गंगा आरती का आयोजन कार्तिक पूर्णिमा की रात पवित्र स्नान से ठीक पहले किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार सभी प्रकार के यज्ञ अश्वमेध, विष्णु, रुद्र, लक्ष्मी आदि के करने एवं उनमें दान देने से जो पुण्य प्राप्त होते है, वह सारे पुण्य दर्दर क्षेत्र के स्पर्श मात्र से प्राप्त हो जाता है।
ददरी मेला में घुड़सवारी कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जिसे चेतक प्रतियोगिता के नाम से जाना जाता है। इसका उद्घाटन पुलिस अधीक्षक बलिया द्वारा किया जाता है। ददरी मेला के भारतेन्दु मंच पर दंगल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है, जो मेले का सबसे लोकप्रिय आयोजन है। इस प्रतियोगिता में विजेता को बलिया केसरी सम्मान से नवाजा जाता है।
Rashi Srivastav

Recent Posts

बलिया के चिलकहर में अराजक तत्वों ने तोड़ी अम्बेडकर प्रतिमा, पुलिस बल तैनात

बलिया के चिलकहर स्थित गड़वार थाना क्षेत्र में अम्बेडकर प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने का मामला…

6 hours ago

बलिया में मानक पूर्ण करने वाले स्कूल ही बनाए जाएंगी बोर्ड परीक्षा के केंद्र

बलिया में बोर्ड परीक्षा को लेकर योजना बनाई जा रही है। इसी को लेकर जिलाधिकारी…

7 hours ago

बलिया में ट्रक ने बाइक सवार को रौंदा, भतीजी की शादी का कार्ड बांटने जा रहा था युवक

बलिया के बैरिया में दर्दनाक हादसा हो गया। यहां शादी की खुशियां मातम में बदल…

1 day ago

बलिया के बेल्थरारोड से 53 वर्षीय व्यक्ति का शव बरामद

बलिया के उभांव थाना क्षेत्र के मालीपुर नहर के पास देर रात एक 53 वर्षीय…

4 days ago

बलिया में पशु मेला गुलज़ार, देखिए ददरी मेले का पूरा कार्यक्रम

बलिया में ददरी मेला 2024 को लेकर तैयारियां तेज है। प्रशासनिक अमला मेले की व्यवस्था…

1 week ago

बलिया में रेवती रेलवे स्टेशन को स्टेशन का दर्जा देने के लिए हुआ जोरदार प्रदर्शन

बलिया के रेवती रेलवे स्टेशन को पूर्ण स्टेशन का दर्जा बहाल करने के लिए एक…

1 week ago