मालदह (बलिया) तहसील क्षेत्र के लखनापार में चल रहे राम कथा में शुक्रवार को भगवान के जन्म ले बाद अयोध्या में राजा दशरथ के आंगन में भगवान का दर्शन करने के लिए काक भुशुण्डि महराज जी आये है और उनके बाल लीलाओं का वर्णन किये है । वही जब भगवान का पैर छूने का प्रयास करते है जिससे भगवान के पैर में चोंच लग जाता है । जिससे भगवान तीर धनुष से उसको मार देते है जिस कारण उनकी एक आंख फुट जाती है । वही बाल लीलाओं का बर्डन करते हुए कथा उनके किशोरावस्था में पहुंचती है तो यज्ञ के निमित विस्वामित्र उनको अपने यंहा लेकर चले जाते है । वही दूसरी तरफ जनक पुर में माता सीता शकर भगवान के धनुष को घर को पूजा के निमित साफ साफ कर रही थी जो धनुष को हटाकर दूसरे स्थान पर रख दिया जिसे देख राजा जनक अचंभित रह गए और उन्होंने पूरे राज्य में ऐलान करा दिया कि जो भी धनु को तोड़ेगा उसी के साथ वह अपनी पुत्री का विवाह करेंगे । इस प्रण को सुनकर सीता की माता अचंभित हो गई और उन्होंने कहा कि ऐसा प्रण क्यों कर लिए इस धनुष को उठाने वाला तो इस धरती पर नहीं जिससे मेरी बेटी की शादी हो पाएगी ।इस पर राजा जनक ने कहा कि शादी की जोड़ी तो भगवान के यंहा तय होती है इसलिए अब शादी उसी से होगी जो इस धनुष को तोड़ेगा । इधर राजा जनक के ऐलान को सुनकर देश बिदेश से राजा जनकपुर पहुंचने लगे ।
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