बलिया– सत्ता पर काबिज़ होने से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने वादा किया था कि वो देश की जनता को मंहगाई से राहत दिलाएंगे। बीजेपी के वादे पर जनता ने भरोसा किया और पार्टी को केंद्र सहित कई राज्यों की कमान सौंप दी। लेकिन जनता को मंहगाई से राहत नहीं मिली।
रोज़ाना इस्तेमाल की चीज़ों से लेकर पेट्रोल डीज़ल के दाम बढ़ते रहे। हालांकि इस बीच बीजेपी समर्थकों द्वारा ये दावे भी किए जाते रहे कि बीजेपी के सत्ता में आने से लोगों को मिलने वाले सरकारी सेवाएं सस्ती हुई हैं। लेकिन अब एक आरटीआई के ज़रिए ये दावा भी झूठा साबित हुआ है।
इमरान अंसारी नाम के सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा डाली गई एक आरटीआई से इस बात का खुलासा हुआ है कि बलिया में बीजेपी सरकार के आने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की फीस में तेजी से इज़ाफ़ा हुआ है। जो ड्राइविंग लाइसेंस 2013-14 में 120 रुपए (30 रुपये लर्निंग + 90 रुपये परमानेंट)में बन जाया करता था, वो अब 900 रुपए (200 रुपये लर्निंग + 700 रूपये परमानेंट) में बनता है। यानी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की फीस तक़रीबन आठ गुना बढ़ गई है।
ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर बीजेपी समर्थकों द्वारा एक और दावा भी किया जाता है। बीजेपी समर्थक दावा करते हैं कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए स्मार्ट कार्ड की सुविधा बीजेपी के शासनकाल में शुरू की गई। जबकि तथ्यों के आधार पर ये दावा गलत है।
इसी आरटीआई से इस बात का भी खुलासा हुआ है की स्मार्ट कार्ड की सुविधा 2013 से शुरू की गई है। उस वक़्त केंद्र और राज्य दोनों ही जगह बीजेपी की सरकार नहीं थी।
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