बलिया में 179 शिक्षकों की भर्ती के मामले में एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक रमेश सिंह और उनके कार्यकाल के पांच अन्य कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
रमेश सिंह ने अपने दो वर्षों के कार्यकाल में संस्कृत माध्यमिक और अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में 179 पदों पर नियुक्तियां की थीं, जिनमें शिक्षक, परिचारक और लिपिक शामिल थे। जब इस भर्ती प्रक्रिया की जांच की गई, तो पाया गया कि इन नियुक्तियों से संबंधित मूल दस्तावेज़ कार्यालय से गायब हैं।
इस मामले में संजय कुमार कुंवर (वैयक्तिक सहायक), अजय सिंह (वरिष्ठ सहायक), मैनुद्दीन (उर्दू अनुवादक), और शिवानंद तिवारी (प्रधान लिपिक) शामिल हैं। जब इनसे नोटिस जारी किए गए, तो मैनुद्दीन ने केवल सात और संजय कुमार ने 15 फाइलें प्रस्तुत कीं। लेकिन इन जमा की गई फाइलों में अधिकांश दस्तावेज़ केवल छायाप्रति के रूप में थे, जिनमें असली प्रमाण नहीं थे।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि रमेश सिंह और अन्य आरोपी कर्मचारियों ने विद्यालयों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों के साथ सांठगांठ कर वेतन मंजूरी के आदेश जारी किए थे, जिसके चलते कोषागार से करोड़ों रुपये का अवैध भुगतान हुआ। साक्ष्यों को नष्ट करने के लिए संबंधित फाइलें गायब कर दी गईं। अब, संयुक्त शिक्षा निदेशक, आजमगढ़ मंडल ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
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