बलिया के जिला अस्पताल का हाल- ‘हड्डी टूटी तो आपका नहीं होगा इलाज’

बलिया डेस्क:  बलिया में यदि किसी वजह से आपकी हड्डी टूट जाए और आप सोच रहे है कि जिला अस्पताल में जाने के बाद आपका सटिक  इलाज़  हो जाएगा तो सावधान हो जाइए. जिला अस्पताल आने के बाद आपको सिर्फ पेन कीलर डायलोना इंजेक्शन देने के बाद सीधे प्लास्टर चढ़ाने के लिए बाहर भेज दिया जाएगा. जो सक्षम है वह तो इमरजेंसी में तैनात चिकित्सकों के इशारे पर संबंधित नर्सिंगहोम में जाकर प्लास्टर चढ़वा कर उपचार करा ले रहे हैं, लेकिन गरीब बेचारा मारे-मारे फिरने को विवश है या फिर दूसरे के पास हाथ फैलाने के लिए मजबूर. जिला अस्पताल में सोमवार कुछ ऐसा ही दृश्य देखने को मिला, दो मरीज फ्रैक्चर की शिकायत लेकर बड़े ही उम्मीद से अस्पताल में सटिक उपचार कराने आए थे, लेकिन उसे तब निराशा हाथ लगी जब उसे सिर्फ इंजेक्शन देकर पर्ची लिखने के साथ बाहर भेज दिया गया.

270 की जगह दवा लेकर एक हजार रुपये बैठ गया खर्च

फेफना थाना क्षेत्र के मलकपुरा निवासी शेरू पुत्र हफीज सोमवार की सुबह अपनी अपाची बाइक से अपनी लड़की को बैठाकर कहीं जा रहा था, अभी गड़वार रोड से सुखपुरा की तरफ आगे ही बढ़ा था कि बाइक असंतुलित हो गयी. जिससे शेरू और उसकी लड़की दोनों गिर गई. लड़की को तो कुछ नहीं हुआ, लेकिन शेरू की पैर में गहरी चोटें. आनन-फानन में परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए, जहां उसे डायलोना इंजेक्शन देने के बाद पर्ची लिखकर छोड़ दिया गया. चूंकि परिजन साथ में थे तो आनन-फानन में सबंधित नर्सिंगहोम में जाकर प्लास्टर आदि चढ़वाने के साथ सटिक उपचार करा लिया. पूछने पर पीड़ित ने बताया कि अस्पताल में 270 रुपये में हो जाता, लेकिन बाहर कराए प्लास्टर, एक्स-रे तथा दवा आदि लेकर कुल एक हजार रुपये खर्च बैठ गया.

पैसा न होने पर टूटे हाथ जाने को हुए मजबूर

 

शहर कोतवाली क्षेत्र के जलालपुर निवासी मुनटुन वर्मा सोमवार की सुबह खेत में काम कर रहे थे कि ताड़ के पेड़ से एक टहनी टूटरक उनके दाहिने में हाथ पर गिर गई, पहले तो घरेलू उपचार कराया, जब असहनीय दर्द शुरू हुआ तो जिला अस्पताल पहुंचे तो वहां इमरजेंसी में बैठै डाक्टर वही डायलोना लगाकर एक गोली देकर पर्ची लिख दिया. मुनटुन वर्मा कुछ पैसा लाए जिससे सिर्फ एक्स-रे भर हुआ, एक्स-रे देखने के बाद डाक्टर ने फिर पर्ची लिखते हुए बाहर एक नर्सिंगहोम में जाकर प्लास्टर चढ़ाने की सलाह देकर छोड़ दिया.

कुछ नर्सिंगहोमों की चांदी ही चांदी

चिकित्सकों द्वारा कुछ चुनिंदा नर्सिंगहोम में ही भेजा जा रहा और हो भी न क्यों, सभी डाक्टरों अप्रत्यक्ष रूप से इन नर्सिंगहोमों से मिले हुए है, बाकी किसलिए ये तो सभी जानते है. ये नर्सिंगहोम जिला अस्पताल के बाहर तथा बलिया-बांसडीह मार्ग पर स्थित है.
इस बारे में जब बलिया खबर ने सीएमएस बीपी सिंह  से बात की तो उन्होंने बताया  लॉक डाउन के कारण ओपीडी व्यवस्था बंद है, रही बात प्लास्टर चढ़ाने की तो संबंधित मरीज सीधे हमसे आकर मिलते हम व्यवस्था करा देते.

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