बलिया में खोजी पत्रकारिता से जिले में अपनी अलग पहचान बनाने वाले पत्रकार प्रदीप चौरसिया का आज बृहस्पतिवार को निधन हो गया। शहर के चित्तू पांडेय चौराहा निवासी पत्रकार प्रदीप चौरसिया स्वास्थ्य ख़राब होने से लगभग दो साल से घर पर रहकर आराम कर रहे थे।
अपने मिलनसार स्वभाव के चलते प्रदीप भाई के नाम से जाने जाने वाले प्रदीप चौरसिया का एकाएक ऐसे चले जाने की खबर आते ही पत्रकार बिरादरी समेत पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ पड़ी। पहले तो किसी को भी विश्वास नही हुआ लेकिन परिवार के तरफ से उनके नहीं रहने की खबर की पुष्टि की गई।
बता दे कि 31 अगस्त दिन बृहस्पतिवार को प्रदीप चौरसिया को दिल का दौरा पड़ा, जिसके चलते आनन फानन में जिला अस्पताल पहुंचाया गया। चिकित्सकों ने इलाज के बाद भी सुधार न दिखने पर वाराणसी -लिखनऊ के लिये रेफर कर दिया। गौरतलब हो कि प्रदीप चौरसिया को पेसमेकर लखनऊ से ही लगा था।
परिजन एम्बुलेंस से चौरसिया को लेकर अभी मऊ तक ही पहुंचे थे कि प्रदीप चौरसिया ने रास्ते में ही संसार को छोड़ दिया। परिजन चौरसिया के शव को लेकर रात 11 बजे के करीब चित्तू पांडेय चौराहा स्थित आवास पर पहुंचने वाले है। अंतिम संस्कार कब होगा इसकी सूचना आते ही अपडेट किया जाएगा। पत्रकार चौरसिया के दुःखद खबर को सुनते ही शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का ताता लगना शुरू हो गया है।
बलिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एसोशिएसन कि तरफ से एसोशिएसन के अध्यक्ष करुणा सिंधु सिंह ने पत्रकार प्रदीप चौरसिया कि असामयिक निधन पर गहरा दुःख प्रकट किया है। करुणा सिंधु सिंह ने कहा कि प्रदीप भाई सबसे बेहतर समझ रखने वाले अनोखे पत्रकार थे मेरे दशकों पुराने मित्र प्रदीप भाई का जाना निजी नुक़सान के साथ-साथ पहले से ही दरिद्र हो रही पत्रकारिता के लिए बड़ा भाषाई शून्य है।
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