बलिया डेस्क: सरकार महिला सशक्तिकरण का कार्यक्रम चलाकर उन्हें आत्म-निर्भर बनाने एवं उनके खिलाफ यदि कोई अपराध का मामला होता है तो पुलिस सहायता प्रदान करने की बात करती है। इस प्रकार का अभियान इस समय पूरे प्रदेश में व्यापक पैमाने पर चलाया जा रहा है। इस इस श्रेणी में उभांव थाने पर भी बीते सोमवार को महिला सशक्तिकरण का कार्यक्रम सम्पन्न किया गया। लेकिन उभांव थाना क्षेत्र के ग्राम तिरनई खिजिर पुर में एक शराबी द्वारा गोंड जाति (अनुसूचित जन जाति) की रीमा देवी (25) व उसकी पुत्री प्रिया (02) को सिर पर जानलेवा हमला कर बेरहमी से सरेआम पिटाई किया गया। जिससे मासूम मौके पर अचेत हो गयी थी।
उभांव पुलिस ने एनसीआर का साधारण मुकदमा कायम कर मां-बेटी के चोटो का उपचार एवं डाक्टरी परीक्षण कराने के लिए एक होम गार्ड के साथ उन्हें सीएचसी सीयर भेजा गया। चिकित्सक ने मां बेटी को सिर में गम्भीर चोट होने के कारण उपचार व एक्सरे के लिए सदर अस्पताल बलिया के लिए रेफर कर दिया गया। किन्तु वह देर रात 10 बजे तक उपचार के लिए सीएचसी सीयर का चक्कर लगाती मिली। चिकित्सक के प्रयास से उसे उक्त होमगार्ड के साथ 108 नम्बर एम्बुलेन्स के सहारे बलिया भेजा गया। घटना मंगलवार की अपरांह करीब 3 बजे की है।
इस सम्बन्ध में पीड़िता का आरोप है कि उभांव थाने पर एक कोई पुलिसकर्मी दूसरे का नाम फर्जी लिखवाकर वास्तविक अपराधी का नाम हटवा दिया। और मुकदमा लिखकर मुझे व मेरी पुत्री प्रिया को अस्पताल इलाज के लिए भेज दिया। घटना के बावत पीड़िता रीमा देवी की माने तो उसका पति काम धन्धे के चक्कर में बाहर गया हुआ है। वह अकेली बच्चों के साथ गांव पर गुजारा करती है।
उसने बताया कि अकारण ग्राम का ही गंगा सागर नामक एक ब्यक्ति शराब के नशे में एक डन्डे से मुझे व मेरी 2 वर्ष की बेटी को सिंर पर प्रहार कर दिया। मेरे पूरे शरीर में चोट आ गयी है। मेरी बेटी अचेत हो गयी। खून से मैं व मेरी बेटी के कपड़े खराब हो गए थे। पुलिस के लोगों से कहने पर मुझे ही उल्टे डांट रहे थे। वास्तविक अपराधी को बचाने के लिए ग्राम के कई ठेकेदार भी पहुंच गये थे। मेरी कोई सुनने वाला नही दिख रहा था।
उभांव थाने के प्रभारी निरीक्षक ज्ञानेश्वर मिश्र ने पूछे जाने पर बताया कि पीड़िता को इलाज के लिए बलिया ले जाना था किन्तु वह दूसरे दिन जाने के लिए घर चली गयी थी। मुकदमा में गलत अभियुक्त भी लिखवा दिया है वैसे वास्तविक आरोपी को पकड़ कर कार्यवाही की जा रही है। इस घटना से इसमें सरकार की मंशा के अनुरूप महिला सशक्तिकरण की सार्थकता कितनी शक्तिशाली दिखलाई दे रही है। अस्पताल में हर कोई महिला की पीड़ा को सुनकर दंग हो जा रहा था।
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