बलिया डेस्क : मंडलायुक्त और ज़िलाधिकारी की सिफारिश के बावजूद ज़िलापूर्ति अधिकारी (डीएसओ) कृष्ण गोपाल पांडेय के खिलाफ़ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। डीएसओ पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। जिसके चलते उन्हें सस्पेंड किए जाने की मांग की जा रही है।
दरअसल, 25 जून 2019 से 17 फरवरी 2020 तक कुल 34 उचित दर विक्रेताओं की दुकानों का निरीक्षण किया गया था। इस निरीक्षण में कई अनियमितताएं पाई गई थीं।
जिसके बाद डीएसओ को पत्र के ज़रिए इस बात की जानकारी दी गई और मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए गए। लेकिन डीएसओ ने ऐसा नहीं किया। जिसके बाद मंडलायुक्त ने इस संबंध में खाद्य एवं रसद विभाग को एक पत्र लिखा। पत्र में मंडलायुक्त ने मामले की पूरी जानकारी दी और डीएसओ के खिलाफ़ कार्रवाई किए जाने की सिफारिश की। लेकिन इसके बावजूद डीएसओ के खिलाफ़ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसको लेकर सवाल उठ रहे हैं।
मामले की जांच उपायुक्त खाद्य एवं रसद द्वारा की गई थी। उपायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 12 जून 2020 में यह उल्लेख किया गया है कि डीएसओ ने 26 उचित दर विक्रेताओं के खिलाफ़ जांच में अनियमितता पाए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। रिपोर्ट में कहा गया कि इन विक्रेताओं ने आवश्यक वस्तुओं के वितरण में गंभीर अनियमितताएं को जाम दिया है। लेकिन इसके बावजूद डीएसओ द्वारा उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
रिपोर्ट में कहा गया कि डीएसओ द्वारा घोटालेबाज़ उचित दर विक्रेताओं को संरक्षण दिया जा रहा है। इससे इनकी सत्य निष्ठा संदेह के घेरे में हैं। इनकी इस कार्यप्रणाली को लेकर दिन-ब-दिन शिकायतें भी मिल रही हैं। ऐसे में इनके खिलाफ निलंबन की कार्यवाही की जाए और जिला पूर्ति अधिकारी के खिलाफ जांच बैठाई जाए।
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