बलिया में हुई गोली बारी की घटना के बाद रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं । चश्मदीद ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ डब्लू ने फायरिंग शुरू की तो उसने एक के बाद एक लगातार गोलियां दागीं। उसने फायरिंग तभी रोकी जब लाइसेंसी पिस्टल की पूरी मैगजीन खाली हो गई।
चश्मदीद के अनुसार दुर्जनपुर गांव में कोटे की दुकान को लेकर हुए विवाद में जैसे ही धीरेंद्र प्रताप की भाभी का सिर फटा, वह आपे से बाहर हो गया इसके बाद उसने पिस्टल निकाली और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
फायरिंग के दौरान चार गोलियां जयप्रकाश पाल को लगी और वह गिर पड़ा। इसके बाद भी धीरेंद्र नहीं रुका और वहां से भागते हुए फायरिंग करता रहा। फायरिंग उसने तभी रोकी, जब मैगजीन खाली हो गई और उसे पुलिस वालों ने चारों तरफ से घेर लिया।
धीरेंद्र के विरुद्ध पहले भी दर्ज है मुकदमा
कोटे की दुकान के मामले को लेकर ही दुर्जनपुर गांव निवासी धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ डब्लू के खिलाफ एक साल पूर्व तत्कालीन पूर्ति निरीक्षक दुर्गानंद यादव की तहरीर पर रेवती थाने में सरकारी कार्य में बाधा, गालीगलौज करने व जान से मारने की धमकी का मुकदमा दर्ज हुआ था। वर्ष 2017 में ग्राम पंचायत की दोनों दुकानें निरस्त होने के बाद मनचाहे दुकानों पर अटैचमेंट का खेल शुरू हो गया।
तब केंद्र दुर्जनपुर के रामकुमार राम की निरस्त दुकान केंद्र दल छपरा के जगजीवन के यहां अटैच की गई थी। मुख्य तहसील दिवस में कार्डधारकों ने अनियमितता की शिकायत की तो तत्कालीन जिलाधिकारी ने केंद्र श्रीनगर के दुकानदार धन लाल के यहां दुकान को अटैच कर दिया। इसी बात पर उसकी दुर्गानंद से धीरेंद्र की कहासुनी हुई थी। रेवती थाना की पुलिस ने मामले की विवेचना करके चार्जशीट न्यायालय में दाखिल कर दी है।
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