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लॉकडाउन- खजूर की किल्लत से जूझ रहा बलिया, 2700 रुपये किलो बिक रहा अजवा

बलिया डेस्क . रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के बीच खजूर का महत्व कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है. रोजेदारों के लिए खजूर से रोजा खोलना सुन्नत माना जाता है, लेकिन इस साल लॉक डाउन के कारण रोजेदारों को हो सकता है खजूर के बिना ही रोजा खोलना पड़े. क्योंकि बाजारों में खजूर की किल्लत है. व्यापारियों की मानें तो इस साल देश दुनिया में फैले कोरोना संकट के बीच अरब के देशों से खजूर की आयात नहीं हो पाई है, ऐसे में बाजारों में खजूर की किल्लत होना लाजिमी है.

लॉक डाउन के चलते देश में सब कुछ बंद है तथा लोग अपने-अपने घरों में ही कैद है. जल, थल, हवाई सब मार्ग भी बंद है. ऐसे में न तो खारी देशों से खजूर ही आ पा रहा है और न ही देश के अलग-अलग शहरों में इसकी पूर्ति हो रही है. बीते दिसंबर से ही ईरान, इराक, सऊदी अबर सहित अन्य अरब देशों से खजूर की आयात नहीं हो पायी है और जो स्टॉक में था वह लगभग खत्म हो चुका है. ऐसे में इस बार रोजेदारों को खजूर के बिना ही रोजा खोलना पड़ेगा.

बलिया में सबसे ज्यादा रहता है अजवा की डिमांड
बलिया में अजवा खजूर की डिमांड सबसे ज्यादा होती है. अजवा खजूर की क्वालिटी के हिसाब से उसकी कीमतें भी अलग-अलग होती है, लिहाजा जो जिस प्रकार समक्षम है उसी हिसाब से खजूर खरीदते हैं. बहेरी निवासी सेराज बताते हैं कि खारी देशों से कई किस्म के खजूद आते हैं जिसे खरीदना हर वर्ग के मुसलमान के बस की बात नहीं होती है, लेकिन अजवा खजूर ऐसा होता है इसमें सभी किस्म के रेट में आपको खजूर उपलब्ध हो जाता है.

1800 रुपये का खजूर अब हो गया 2700
चूंकि जनपद में अजवा खजूर की ही सबसे ज्यादा डिमांड रहती है, लिहाजा इसको देखते हुए कुछ व्यापारी पहले से स्टॉक करके रखे अजवा खजूर जिसकी लो क्वालिटी कीमत पहले 1800 रुपये था, उसको अब 2700 रुपये प्रति किलो बेचने लगा है, जबकि अरवा के जो उत्कृष्ट खजूर जो 3500 रुपये किलो था वह सीधे पांच हजार रुपये किलो मिलने लगा है.

किसी भी सूरत में नहीं मिल सकती इस किस्म के खजूर
बहेरी निवासी फल विक्रेता मेराज अहमद से जब विस्तृत बात की गयी तो उन्होंने खजूर के बारे में बताते हुए बताया कि सबसे उत्कृष्ट किस्म के खजूर खुबानी है. इसके अलावा शुमरी, कश, तईबा, शबानी, मगरूम, सगई, व हयात भी है. ये सारे खजूर रमजान के महीने में ही अरब देशों से भारत मंगाया जाता है, लेकिन इस साल बीते मार्च से ही अंर्तराष्ट्रीय आवागमन बंद होने के कारण उपरोक्त खजूर भारत में नहीं आ पाई है और जैसा कि लॉक डाउन अभी भी बरकरार है और रोजा का महीना भी इसी में पड़ा है, लिहाजा उपरोक्त किस्म के खजूर किसी भी सूरत में नहीं मिल सकता है.

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