विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल खत्म होते ही सपा सदस्यों ने दो दिन पहले नेता सदन और मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ द्वारा समाजवाद पर टिप्पणी करने के मुद्दे पर खासा हंगामा किया। सपा सदस्य वेल में आ गए और जोरदार नारेबाजी कर मुख्यमंत्री के बयान पर चर्चा की मांग की। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। इससे नाखुश सपा सदस्यों ने वेल में धरना दे दिया। बाद में सपा के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
जैसे ही प्रश्नकाल समाप्त हुआ सपा के नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने नियम-110 का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री द्वारा समाजवाद पर टिप्पणी करने का मुद्दा उठाया। रामगोविंद चौधरी ने कहा कि सदन में आए सभी सदस्य किसी न किसी विचारधारा से प्रेरित होते हैं। समाज में सभी विचारधाराओं पूंजीवाद, एकात्मवाद, समाजवाद को स्थान दिया गया है। नेता सदन ने कहा है कि आज का समाजवाद आतंकवाद, भ्रष्टाचार, परिवारवाद का पोषक हो गया है।
उन्होंने निंदा करते हुए कहा कि आजादी के आंदोलन में समाजवादियों ने बराबर का हिस्सा लिया। चाहे जय प्रकाश नारायण हों, राम मनोहर लोहिया, चंद्रशेखर और जनेश्वर मिश्र जैसे नेताओं ने देश के लिए क्या नहीं किया। 1942 में समाजवादियों ने अंग्रेजी शासन को तार-तार करने के लिए सब कुछ किया। नेता सदन मुख्यमंत्री ने जो भाषण दिया उसकी निंदा करता हूं और उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।
इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने रामगोविंद चौधरी का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष से बात हो गई थी कि किसी दिन तय कर लेंगे और नेता सदन भी मौजूद रहेंगे। इसके बावजूद यह मुद्दा उठाना उचित नहीं है। तय हुआ था कि मुख्यमंत्री 15 को बोलेंगे। नेता सदन के दिल में हर दल के लिए पूरी इज्जत है। उसके बावजूद नेता प्रतिपक्ष न जाने कहां से गलत बातों का जखीरा लाए हैं। यह नया शिगूफा छोड़ रहे हैं। जब तक सत्तापक्ष में रहे तो नियमावली आदि की किताबों को उन्होंने ताले में बंद कर दिया था। और जब चाभी आई और ताला खोलने की नौबत आई तब तक इनकी सरकार चली गई।
सुरेश खन्ना के विरोध करने पर सपा से सभी सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल में उतर आए। उन्होंने टिप्पणी किए जाने की निंदा की। विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि मुख्यमंत्री ने तो डा. राम मनोहर लोहिया की तारीफ की है। इसमें कुछ नहीं है। वैसे भी सदन के बाहर कही बातों का संज्ञान नहीं लिया जाता। ऐसी परंपरा नहीं है। उन्होंने सदन को व्यवस्थित करने की कोशिश की और सपा सदस्यों से अपने स्थान पर लौट आने को कहा। इसके बावजूद सपा सदस्य जोरदार नारेबाजी करते रहे और सदन के वेल में बैठ गए। हंगामा जारी रहने पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
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